Wednesday 15 June 2011

क्या चन्द्र ग्रहण की पूजा से बरसेगा धन ?


चन्द्र ग्रहण की पूजा से बरसेगा धन
15 तारीख की रात 11:53 मिनट पर
होगा आपके किस्मत का कनेक्शन
मां लक्ष्मी होगी मेहरबान
धन की होगी बरसात
कुबेर होंगे मेहरबान
धनवंतरी बरसाएंगे दया
होगा रोगों का निदान
पारिवारिक सुख-शांति में वृद्घि होगी
होगा आपका कल्याण
क्योंकि
कुंभ लग्न में हैं ग्रहण
कुंभ लग्न का स्वामी शनि
शनि से आठ के आठ ग्रहों का संबंध
बृहस्पति का षडाष्टïक संबंध
मंगल और केतु का नवम पंचम संबंध
सूर्य और बुध का चर्तुदशम संबंध
राहु और चंद्रमा का त्रिएकादश संबंध
खगोल की अविस्मरणीय घटना
साधना, पूजा-पाठ, मंत्र जाप और दान के लिए अति अनमोल समय
बरसेगा धन
मिलेगा आपको मान-सम्मान
परिवार में होगा अमन और चैन
अपनों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा
संतान को मिलेगी सफलता
घर आएगी मां-लक्ष्मी
ऋण और रोग से मिलेगा छुटकारा
अध्यात्म साधनाओं का मिलेगा लाभ
धर्म में बढ़ेगी रूचि
बुजुर्गों का मिलेगा आशीर्वाद
व्यापार में होगी वृद्घि
आर्थिक पक्ष सुदृढ़ होगा।
दुर्घटनाओं से पीछा छुटेगा
क्योंकि यह चंद्र ग्रहण खास है।
15 जून 21वीं सदी का अभूतपूर्व और अद्ïभुत चंद्र ग्रहण
300 साल के बाद 30 दिन में 3 ग्रहण का दुर्लभ संजोग
2 जून को सूर्य ग्रहण
15 जून को चंद्र ग्रहण
1 जुलाई पुन: सूर्य ग्रहण
ज्येष्ठï मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा का विशेष महत्व
ये बुधवार कमाल करेगा
क्योंकि ज्येष्ठïा नक्षत्र, वृश्चिक राशि पर ग्रहण का स्पर्श
मूल नक्षत्र और धनु राशि पर खग्रास चंद्र ग्रहण का समापन
ग्रहण प्रारंभ बुधवार रात्रि 11:53 मिनट पर
खग्रास चंद्र ग्रहण प्रारंभ 12:52 मिनट पर
पूर्ण खग्रास 15 जून रात्रि 1:43 मिनट पर
खग्रास समाप्त 2:33 मिनट पर
ग्रहण की समाप्ति 3:33 मिनट पर
चंद्र ग्रहण कहां-कहां देखा जा सकेगा
भारत, साऊदी अरब, आस्ट्रेलिया, दक्षिणी अमेरिका, अफ्रीका, यूरोप, मध्य पूर्वी एशिया, दक्षिण-पश्चिम प्रशांत महासागर और उत्तर पूर्व रूस में दिखाई देगा
चंद्र ग्रहण का सूतक विचार
इस ग्रहण का सूतक 15 जून 2011 को दोपहर 2:52 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा।
ग्रहण काल तथा बाद मेें करने योग्य कार्य
ग्रहण से पूर्व पवित्र जल से स्नान कर मंत्र जाप, पाठ एवं ध्यान करना अति शुभ रहेगा।
ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: पवित्र जल से स्नान अवश्य करना चाहिए।
स्नान के उपरांत ग्रहण समाप्ति के बाद किये गए मंत्रों दशांश, हवन और यज्ञ एवं राशि अनुसार दान अवश्य करें।
15 जून को सूर्यास्त के बाद दान देने योग्य वस्तुओं का संग्रह करके संकल्प कर लेना चाहिए।



इस अभूतपूर्व और अविस्मरणीय चंद्र ग्रहण पर द्वादश राशियों के लोग क्या पूजा करें कि संपूर्ण मनोकामना की पूर्ति हो
यह ग्रहण बहुत ही खास है
इस बात का विशेष ध्यान रखें।
पूजा प्रारंभ की समस्त सामग्री सूर्यास्त से पहले ही घर में मंगवाकर रख लें।
पूजा सामग्री में कुशा अवश्य रखें।
इस बात का ध्यान रखें।

मेष राशि
किसी लाल कपड़े में बूंदी के आठ लड्डïू बांध लें। इसके पश्चात इस मिठाई वाले कपड़े को अपने सामने रखकर घी का दीपक जला लें तथा वहीें बैठ कर ऊँ ह्रïीं श्रीं लक्ष्मीनारायणाय नम: मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान गरीब कन्याओं को बांट दें।
वृष राशि
सवा किलो चावल सफेद कपड़े में बांधकर अपने सामने रख लें तथा घी का दीपक जला कर अपने इष्टïदेव का ध्यान करें। उसके बाद ऊँ गोपालाय उत्तर ध्वजाय नम: मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान पक्षियों को चुगने हेतु डाल दें।
मिथुन राशि
भीगे हुए मूंग 250 ग्राम एवं 11 इलायची अपने सामने रख लें। घी का दीपक जला कर इष्टïदेव का ध्यान करें। इसके पश्चात ú क्लीं कृष्णाय नम:॥ मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान किसी देवी मंदिर में रख कर आ जाएं।

कर्क राशि
कर्क राशि पर ग्रहण होने पर सफेद कपड़े में चावल, मिश्री तथा चाँदी का छोटा सा टुकड़ा या तार रख कर पोटली बना लें। इस पोटली को अपने सामने रखकर घी का दीपक जला लें तथा ú हिरण्यगर्भाय अव्यक्तरूपिणे नम:॥ मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान किसी शिव मंदिर में या किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान कर दें।

सिंह राशि
सिंह राशि पर ग्रहण पडऩे से गेहूं, तांबे के पात्र में भरकर उसके ऊपर थोड़ा सा गुड़ एवं लाल चंदन का एक टुकड़ा रख लें। अब सूर्यदेव को प्रणाम कर घी का एक दीपक जला लें। उसके पश्चात ú क्लीं ब्रह्मïणे जगदाधाराय नम:॥ मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान ताम्रपात्र सहित सदाचारी ब्राह्मïण को दान में दे दें।

कन्या राशि
श्रद्घानुसार पालक और हरी चूडिय़ां, हरा कपड़ा अपने पूजा स्थान में रखें। घी का दीपक जलाएं और ú नमो प्रीं पीताम्बराय नम: मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान गरीब व जरूरतमंद व्यक्तियों में बांट दें।

तुला राशि
एक कटोरे में सवा किलो ज्वार ले लें। पूजा स्थान में अपने सामने रख दें। घी का दीपक जलाकर ú तत्त्वनिरजनायतारकरामाय नम:॥ मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान गरीब व जरूरतमंद व्यक्तियों में बांट दें।
वृश्चिक राशि
लाल कपड़े में गुड़ की रेवड़ी या कोई लाल रंग की मिठाई बांधकर अपने सामने रख लें तथा घी का दीपक जलाकर अपने इष्टïदेव का ध्यान करे तथा ú नारायणाय सुरसिंहासनाय नम: मंत्र का जाप करे। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान कन्याओं में बांट दें।
धनु राशि
9 पीले फल, 9 हल्दी की गांठ पीले कपड़ें में श्रद्घासनुसार दक्षिणा बांध कर अपने सामने रख लें। घी का दीपक जलाकर ऊँ श्री देवकृष्णाय ऊध्र्वान्तकाय नम: मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह किसी मंदिर में रखकर आ जाएं।

मकर राशि
मकर राशि वालें मिट्टïी के कुल्हड़ में तिल का तेल भरकर अपने सामने रखें। तेल का दीपक जलाकर ऊं श्री वत्सलाय वत्स राजाय नम: मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान गौशाला या गरीब व्यक्ति को दे दें।

कुम्भ राशि
कुंभ राशि वालें जातक लोहे के पात्र में 250 ग्राम काले उड़द, 250 ग्राम काले तिल अलग-अलग भरकर अपने सामने रख दें। तिल के तेल का दीपक जलाकर ऊँ श्रीं उपेन्द्राय अच्युताय नम: मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान गरीब व जरूरतमंद व्यक्तियों में बांट दें।

मीन राशि
मीन राशि वालें लोग चने की भीगी हुई दाल 700 ग्राम उस पर 125 ग्राम गुड़ रखकर अपने सामने रखें। तत्पश्चात ऊँ क्लीं उद्ïधृताय उद्घारिणे नम: मंत्र का जाप करें। ग्रहण समाप्ति के बाद पुन: स्नान करके यह दान गाय को अपने हाथ से खिला दें।
ग्रहण के दिन किया जाने वाला अभूतपूर्व, कल्याणकारी तत्क्षण फल देने वाला दान

मेष राशि
मंगलवार के दिन लाल चंदन, मसूर की दाल, गुड़, गुड़ वाले परांठे या मीठे चावल और लाल व किसी सज्जन पुरुष या जरूरतमंद को दान देना बहुत ही हितकर होता है।
वृषभ राशि
घी, दही, कपूर, अदरक, गौदान आदि करने से शुक्रजन्य रोग-व्याधि बाधाएं दूर होती हैं।

मिथुन राशि
बुध से संबधित वस्तुएं, जैसे - हरे कपड़े, हरी सब्जियां, साबूत मूंग, इलायची, हरे पुष्प आदि किसी सज्जन पुरूष को श्रद्धापूर्वक भोजन करवा कर उचित दान-दक्षिणा सहित दें, लाभ मिलेगा।

कर्क राशि
चन्द्रमा की वस्तुओं का दान करें, जैसे - दही, चावल, सफेद व, सफेद चंदन, चीनी आदि का दान दें। अवश्य लाभ मिलेगा।

सिंह राशि
सूर्य से संबंधित दान की वस्तुएं, जैसे - लाल व, गेहूं, लाल चंदन, बछड़े सहित लाल गाय, माणिक्य, तांबे के बर्तन, नारियल एवं लाल फल सहित किसी सुपात्र या जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराकर इन वस्तुओं का दान देने से सूर्य के अनुकूल फल की प्राप्ति में सुगमता आती है।

कन्या राशि
बुध से संबधित वस्तुएं, जैसे - हरे कपड़े, हरी सब्जियां, साबूत मूंग, इलायची, हरे पुष्प आदि किसी सज्जन पुरुष को श्रद्धापूर्वक भोजन करवा कर उचित दान-दक्षिणा सहित दें, लाभ मिलेगा।
तुला राशि
घी, दही, कपूर, अदरक, गौदान आदि करने से शुक्रजन्य रोग-व्याधि बाधाएं दूर होती हैं।

वृश्चिक राशि
लाल चंदन, मसूर की दाल, गुड़, गुड़ वाले परांठे या मीठे चावल और लाल व किसी सज्जन पुरुष या जरूरतमंद को दान देना बहुत ही हितकर होता है।

धनु राशि
बृहस्पति की वस्तुएं भी दान करना हितकारी रहेगा। जैसे पीले चावल, चने की दाल, शहद, पीले व, पपीता, पीले फल, पीले लड्डू और केसर आदि किसी सज्जन पुरूश को दान कर दें, लाभ मिलेगा।

मकर राशि
काले तिल, उड़द, लोहा, तेल, काला वस्त्र, ऊन, कुलथी दान दें। संपूर्ण मनोकामना पूरी होगी

कुंभ राशि
श्रद्घानुसार जौ, देसी चने, गुड़, नीले पुष्प, जूता, छाता, कस्तूरी आदि श्रद्घानुसार दान करने से लाभ प्राप्त होगा।

मीन राशि
बृहस्पति की वस्तुएं भी दान करना हितकारी रहेगा। शहद, पीले व, पपीता, पीले फल, पीले लड्डू और केसर आदि किसी सज्जन पुरूष को दान कर दें, लाभ मिलेगा।

Tuesday 14 June 2011

ग्रहण का राशियों पर प्रभाव




15 जून 21वीं सदी का अभूतपूर्व और अद्ïभुत चंद्र ग्रहण


होरा शास्त्र के अनुसार इन ग्रह योगायोग का बारह राशियों पर प्रभाव
मेष राशि
सावधानी

मेष राशि वालों के लिए ग्रहण अष्टïम भाव में रहेगा।
पारिवारिक मतभेद से बचना होगा।
विवादित भूमि संबंधी सौदों से दूर रहना होगा।
क्रोध और हठधर्मिता नुकसान का कारण बनेगी।
प्रभाव
और यह परिवर्तन मेष राशि वालों के लिए मनोनुकूल रहेगा।
अकस्मात व्यापार में लाभ होगा।
धन वृद्घि के अवसर बढ़ेगे।
व्यापारिक संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी।
आय के नये साधनों की प्राप्ति का प्रबल योग।
वृषभ राशि
सावधानी

वृषभ राशि वालों के लिए ग्रहण सप्तम भाव में रहेगा।
अनावश्यक शत्रुता से बचें।
कार्य परिवर्तन और स्थान परिवर्तन से बचें।
पित्तदोष संबंधी बीमारी से सावधान।
प्रभाव
वृषभ राशि वालों के लिए यह कॅरियर संबंधी परेशानियों का निवारण होगा।
बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा।
सरकार से लाभ मिलेगा।
मित्रों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।
यात्राएं मनोनुकूल रहेगी।


मिथुन राशि
सावधानी
मिथुन राशि वालों के लिए ग्रहण छठे भाव में रहेगा।
बुरे व्यसन दु:खों के कारण बनेंगे।
आंखों संबंधी तकलीफ में सावधानी बरतें।
मान-सम्मान के प्रति सजग रहें।

प्रभाव
छठे भाव में राहु मनोनुकूल और लाभदायिक फल प्रदान करेगा।
उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे।
मनोनुकूल प्रमोशन और स्थान परिवर्तन का योग।
मनोअभिलाषाएं पूरी होंगी।
अनावश्यक बीमारियों से पीछा छुटेगा।
शत्रुओं पर विजय होगी।


कर्क राशि
सावधानी
कर्क राशि वालों के लिए ग्रहण पंचम भाव में रहेगा।
व्यर्थ की मानसिक चिंताओं से सावधान रहें।
स्त्रियों से अपमान का भय हो सकता है।
संतान संबंधी परेशानी भी रह सकती है।
प्रभाव
त्रिकोण भाव में राहु अनुकूल और लाभदायक फल प्रदान करेगा।
लेन-देन के मसलें निपटेंगे।
कारोबारी समस्याओं का निवारण होगा।
अकस्मात धन कोष में वृद्घि होगी।
शेयर मार्किट में लाभ।
धन और ऐश्वर्य का संपूर्ण सुख प्राप्त होगा।


सिंह राशि
सावधानी
सिंह राशि वालों के लिए ग्रहण चौथे भाव में रहेगा।
प्रतिकूल आवास परिवर्तन की संभावना।
जन्म भूमि से दूर जाना पड़ सकता है।
सरकारी अफसरों से विरोध।
जमीन जायदाद के मसलें परेशानी दे सकते हैं।
प्रभाव
सिंह राशि वालों के लिए राहु का परिवर्तन सामान्य रहेगा।
लाभ प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ेगा।
परिश्रम के अनुकूल फल की प्राप्ति होगी।
बुजुर्गों की सेवा का अवसर प्राप्त होगा।
संतान पक्ष से विशेष लगाव रहेगा।


कन्या राशि
सावधानी
कन्या राशि वालों के ग्रहण तीसरे भाव में रहेगा।
लंबी यात्राओं से बचें।
छोटे भाई-बहनों से बनाकर रखें।
नौकरी में अपने बॉस का विरोध नहीं करें।
प्रभाव

कन्या राशि वालों के यह राशि परिवर्तन शुभ और अनुकूल रहेगा।
संपूर्ण महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति होगी।
कारोबारी समस्याओं का निवारण होगा।
कारोबार के एक से अधिक साधन उपलब्ध होंगे।
अनावश्यक भय, भ्रांति और भ्रम से छुटकारा मिलेगा।
घर में मांगलिक कार्य संपन्न होगा।


तुला राशि
सावधानी
तुला राशि वालों के लिए ग्रहण दूसरे भाव में रहेगा।
अनैतिक कार्यों से दूर रहें।
दैनिक दिनचर्या नियमित रखें।
खान-पान के प्रति सजग रहें।
प्रभाव
तुला राशि वालों के लिए यह राशि परिवर्तन मध्यम रहेगा।
हल्की सी चूक नुकसान का कारण बन सकती है।
जिस तरह के ग्रह योगायोग है कारोबार में अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
मानसिक तनाव परेशानी का कारण बनेगा।
बनते हुए कामों में रुकावट।
और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

वृश्चिक राशि

सावधानी
वृश्चिक राशि वालों के लिए ग्रहण लग्न में रहेगा।
मानसिक चिंताओं को हावी नहीं होने दें।
निराशाओं से दूर रहें।
क्रोध और चिड़चिड़े स्वभाव पर नजर रखें।
प्रभाव
वृश्चिक राशि वालों के लिए यह राशि परिवर्तन लाभदायक रहेगा।
व्यापार में वृद्घि होगी।
व्यवसायिक नवीन योजनाएं बनेगी।
मनोनुकूल लाभ की प्राप्ति होगी।
सामाजिक मान-सम्मान और सुयश में बढ़ोतरी होगी।



धनु राशि
सावधानी
धनु राशि वालों के लिए ग्रहण बारहवें भाव में रहेगा।
विवादित सौदों से बचना।
संतान पक्ष को लेकर सावधान रहना।
कानून से खिलवाड़ नुकसान दे सकती है।
प्रभाव
धनु राशि वालों के लिए यह राशि परिवर्तन मनोनुकूल रहेगा।
अनावश्यक खर्चों से मुक्ति मिलेगी।
पिछली समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।
ऋण से छुटकारा मिलेगा।


मकर राशि
सावधानी
मकर राशि वालों के लिए ग्रहण ग्यारहवें भाव में रहेगा।
जीवन साथी के साथ विश्वासघात नहीं करें।
संतान पक्ष से विशेष सावधान रहें।
बुजुर्गों की सलाह नजर अंदाज नहीं करें।
प्रभाव
मकर राशि वालों के लिए यह राशि परिवर्तन बहुत शुभ व लाभदायक रहेगा।
कारोबार में मनोनुकूल परिस्थितियां बनेगी।
कारोबार में किये गये प्रयास मनोनुकूल फल प्रदान करेंगे।
धन लाभ की प्राप्ति होगी।
आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।
पारिवारिक समस्याओं का निवारण होगा।
परीक्षा और प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी।



कुंभ राशि
सावधानी
कुंभ राशि वालों के लिए ग्रहण दसवें भाव में रहेगा।
शत्रु से सावधान रहें।
नौकरी और व्यवसाय में अंधा विश्वास नहीं करें।
चल और अचल संपत्ति खरीदते समय विशेष सावधानी बरतें।
प्रभाव
कुंभ राशि वालों के लिए यह राशि परिवर्तन ठीक रहेगा।
नौकरी में किये गये प्रयास सफल होंगे।
व्यवसाय में लाभ प्राप्त होगा।
अध्यात्म उन्नति के अवसर मिलेंगे।
अकस्मात धन और व्यवसाय में वृद्घि होगी।
मान-सम्मान की प्राप्ति होगी।


मीन राशि
सावधानी
मीन राशि वालों के लिए ग्रहण नौंवे भाव में रहेगा।
स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतें।
भाई-बहनों के संबंधों को लेकर लापरवाही नहीं बरतें।
कुसंगति नुकसान का कारण बन सकती है।
प्रभाव
मीन राशि वालों के लिए यह राशि परिवर्तन लाभदायक रहेगा।
किये गए प्रयासों में आशातीत लाभ की प्राप्ति होगी।
पुराने मित्रों से मिलन होगा और उनके सहयोग से लाभ प्राप्त होगा।


ये बारह मंत्र करेंगे आपका कल्याण
मेष राशि
संकट मोचन स्तोत्र का पाठ करें।

वृष राशि
पाशुपत स्तोत्र का पाठ करें
मिथुन राशि
भú नमो प्रीं पीताम्बराय नम:॥ मंत्र का 108 बार जाप

कर्क राशि
ú स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सह चन्द्रमसे नम:॥ मंत्र की एक माला जाप करें।

सिंह राशि
ú क्लीं ब्रह्मïणे जगदाधाराय नम:॥
कन्या राशि
ú ऐं ह्रïीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे॥ मंत्र की एक माला जाप करें।

तुला राशि
ú गोपालाय उत्तर ध्वजाय नम:॥ मंत्र का जाप

वृश्चिक राशि
ú ह्रïीं श्रीं लक्ष्मीनारायण नम: मंत्र का 3 माला जाप करे।

धनु राशि
ृहस्पति के बीज मंत्र का 11 माला जाप करें।

मकर राशि
मंगलकारी शनि मंत्र का जाप करें

कुम्भ राशि
पांच पाठ दशरथकृत शनि स्तोत्र का करें

मीन राशि
पांच पाठ सिद्ध कुुंजिका स्तोत्र का करें।


ग्रहण के दिन किया जाने वाला अभूतपूर्व, कल्याणकारी तत्क्षण फल देने वाला दान

मेष राशि
मंगलवार के दिन लाल चंदन, मसूर की दाल, गुड़, गुड़ वाले परांठे या मीठे चावल और लाल व किसी सज्जन पुरुष या जरूरतमंद को दान देना बहुत ही हितकर होता है।
वृषभ राशि
घी, दही, कपूर, अदरक, गौदान आदि करने से शुक्रजन्य रोग-व्याधि बाधाएं दूर होती हैं।

मिथुन राशि
बुध से संबधित वस्तुएं, जैसे - हरे कपड़े, हरी सब्जियां, साबूत मूंग, इलायची, हरे पुष्प आदि किसी सज्जन पुरूष को श्रद्धापूर्वक भोजन करवा कर उचित दान-दक्षिणा सहित दें, लाभ मिलेगा।

कर्क राशि
चन्द्रमा की वस्तुओं का दान करें, जैसे - दही, चावल, सफेद व, सफेद चंदन, चीनी आदि का दान दें। अवश्य लाभ मिलेगा।

सिंह राशि
सूर्य से संबंधित दान की वस्तुएं, जैसे - लाल व, गेहूं, लाल चंदन, बछड़े सहित लाल गाय, माणिक्य, तांबे के बर्तन, नारियल एवं लाल फल सहित किसी सुपात्र या जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराकर इन वस्तुओं का दान देने से सूर्य के अनुकूल फल की प्राप्ति में सुगमता आती है।
कन्या राशि
बुध से संबधित वस्तुएं, जैसे - हरे कपड़े, हरी सब्जियां, साबूत मूंग, इलायची, हरे पुष्प आदि किसी सज्जन पुरुष को श्रद्धापूर्वक भोजन करवा कर उचित दान-दक्षिणा सहित दें, लाभ मिलेगा।

तुला राशि
घी, दही, कपूर, अदरक, गौदान आदि करने से शुक्रजन्य रोग-व्याधि बाधाएं दूर होती हैं।

वृश्चिक राशि
लाल चंदन, मसूर की दाल, गुड़, गुड़ वाले परांठे या मीठे चावल और लाल व किसी सज्जन पुरुष या जरूरतमंद को दान देना बहुत ही हितकर होता है।

धनु राशि
बृहस्पति की वस्तुएं भी दान करना हितकारी रहेगा। जैसे पीले चावल, चने की दाल, शहद, पीले व, पपीता, पीले फल, पीले लड्डू और केसर आदि किसी सज्जन पुरूश को दान कर दें, लाभ मिलेगा।

मकर राशि
काले तिल, उड़द, लोहा, तेल, काला वस्त्र, ऊन, कुलथी दान दें। संपूर्ण मनोकामना पूरी होगी

कुंभ राशि
श्रद्घानुसार जौ, देसी चने, गुड़, नीले पुष्प, जूता, छाता, कस्तूरी आदि श्रद्घानुसार दान करने से लाभ प्राप्त होगा।
मीन राशि
बृहस्पति की वस्तुएं भी दान करना हितकारी रहेगा। शहद, पीले व, पपीता, पीले फल, पीले लड्डू और केसर आदि किसी सज्जन पुरूष को दान कर दें, लाभ मिलेगा।

श्री सिद्ध शक्तिपीठ शनिधाम पीठाधीश्वर श्रीश्री 1008 महामंडलेश्वर परमहंस दाती महाराज


Sunday 12 June 2011

मार्गी शनि होरा शास्त्र के अनुसार बारह राशियों पर क्या प्रभाव डालेगा-


शनि मार्गी

वर्ष प्रारंभ से लेकर 12 जून तक शनि वक्री अवस्था में कन्या राशि में गोचर कर रहे थे।
13 जून प्रात: 9:25 मिनट पर शनि कन्या राशि में ही मार्गी होंगे।
इस समय सूर्य और बुध मिथुन राशि में
मंगल, शुक्र और केतु वृषभ राशि में
बृहस्पति मेष राशि में
राहु वृश्चिक राशि में गोचर कर रहे हैं।
राहु और बृहस्पति का षडाषटक योग
राहु और शनि का त्रिएकादश योग
सूर्य, बुध और राहु का षडाष्टïक योग
मंगल, शुक्र और केतु का नवम पंचम योग
इन ग्रह योगायोगों को देखते हुए मैदिनी ज्योतिष यह संकेत दे रही हैं कि
सरकार को अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा
इस समय राजनीतिक उठा-पटक बढ़ेगी
मार्किट में खलबली मचेगी
शासन और प्रजा के बीच समन्वय में कमी आएगी
इस योग में नये राजनीतिक समीकरण बनेंगे
यह योग आंधी-तूफान, अग्नि कांड, भूसंख्लन, भूकंप एवं दुर्घटनाओं का संकेत भी दे रहा है
इस ग्रह योगायोग में सडक़, रेल और हवाई दुर्घटनाएं बढ़ सकती हैं
यह योग अस्वाभाविक घटनाओं का घटने का संकेत भी दे रहा है
पड़ोसी देशों और सीमाओं पर सावधानी बरतना अति आवश्यक होगा
प्रतिष्ठिïत लोगों के मान-सम्मान में ठेस लग सकती हैं
इन सारी उठा-पटक के बावजूद भी शनि का मार्गी होना राष्टï्र के लिए अनुकूलता का संकेत दे रहा है।
ये शनि राष्टï्र की आर्थिक परिस्थितियां सुदृढ़ करेगा।
ये शनि बचाएगा शत्रु षड्ïयंत्रों से
ये शनि नक्सलवाद और आतंकवाद पर नकेल कसने पर सरकार की मदद करेगा
ये शनि विदेश नीति में प्रखरता लाएगा
शनि बचाएगा लोगों को
सूर्य और बुध मिथुन राशि में, मंगल शुक्र और केतु वृषभ राशि में, शनि कन्या राशि में, बृहस्पति मेष राशि में। इस समय का यह ग्रहयोगायोग है। सूर्य का मंगल बुध और केतु का द्विद्वादश योग। मंगल, शुक्र, बृहस्पति और केतु का द्विदादश योग, मंगल, शुक्र, केतु और राहु का समसप्तक योग। राहु और बृहस्पति का षडाष्टïक योग।
इन सारे ग्रह योगायोग को देखते हुए लगता है कि आने वाला समय अनुकूलता का संकेत नहीं दे रहा है। शासन को विशेष सावधानी बरतनी पड़ेगी। सरकार में शामिल सहयोगी सरकार के लिए परेशानी का कारण बनेंगे। राजनीतिक उठापटक बढ़ेगी। सरकार को विपक्ष के तीखे प्रहारों का सामना करना पड़ेगा। मार्किट में उठापटक रहेगी। ग्रह योगायोग यह भी संकेत दे रहे हैं कि इस समय अस्वाभाविक घटनाएं घट सकती है। सुरक्षा को लेकर सीमाओं पर विशेष सावधानी बरतनी पड़ेगी। प्रतिष्ठिïत एवं सम्मानित लोगों के मन को ठेस लग सकती हैं। जिस तरह के ग्रहयोगायोग है दुर्घटनाओं का भी संकेत मिल रहा है। बाढ़, आंधी-तूफान, अधिक गर्मी, प्राकृतिक प्रकोप, भूकंप, अग्निकांड, भूसंख्लन जैसी घटनाओं के साथ-साथ रेल, सडक़ व हवाई दुर्घटनाओं का संकेत भी ग्रह योगयोग दे रहे हैं। साथ ही इस समय बृहस्पति पीडि़त है राहु से। तो धर्म को लेकर भी विशेष सावधानी बरतनी की आवश्यकता नजर आ रही है। इस समय धार्मिक उन्माद बढ़ सकता है। साथ ही सांप्रदायिक सद्ïभाव की कमी भी नजर आ रही है। यह ज्योतिषीय विश्लेषण है, मेरा शोध है गणित की गणनाओं के अनुसार ग्रह योगायोग को देखते हुए ऐसे योग नजर आ रहे हैं। सटीक भविष्य वाणी प्रजापिता ब्रह्मïा ही कर सकता है। मेरा तो एक छोटा सा प्रयास है। संभव है मेंरे से गलती भी हो सकती है। मेरा सभी से अनुरोध कि राष्टï्रहित में स्द्गष्शठ्ठस्र शश्चद्बठ्ठद्बशठ्ठ लेना गुनाह नहीं है। मेरे विचार है और मैं अपने विचार किसी पर लादता नहीं हूं। मात्र राष्टï्र भावना और राष्टï्र हित में मैं यह सेवा कार्य कर रहा हूं। नमो नारायण
वक्री और मार्गी का तात्पर्य
आकाश में सभी ग्रह अपनी अलग-अलग कक्षाओं में अपनी अलग-अलग गतियों में एक ही दिशा में निर्बाध गति से घूमते हैं। इन ग्रहों के साथ-साथ पृथ्वी भी बराबर अपने पथ पर गतिशील है इस कारण कभी हमें कोई ग्रह आगे चलता हुआ, कभी पीछे व कभी स्थिर भी दिखलाई देता है। ज्योतिषियों ने ग्रहों की इन अलग-अलग स्थितियों को समझने के लिए कुछ तकनीकी शब्दो का प्रयोग किया है। जब कोई ग्रह अपनी तेज गति के कारण राशि मंडल में किसी अन्य ग्रह को पीछे छोड़ आगे निकल जाता है तो उस समय उसे अतिचारी कहते हैं। जब कोई ग्रह अपनी धीमी गति के कारण पीछे की ओर खिसकता हुआ दिखलाई पड़ता है तो उस ग्रह को वक्री कहते हैं जब वह ग्रह विशेष वापस आगे की ओर बढ़ता हुआ प्रतीत होता है तो उसे मार्गी कहते हैं। जब कोई ग्रह स्थिर होता प्रतीत होता है तो उसे स्थिर ग्रह कहते हैं।
मार्गी शनि होरा शास्त्र के अनुसार बारह राशियों पर क्या प्रभाव डालेगा-
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए छठे भाव में शनि मार्गी होगा और यह इनके लिए अनुकूल और लाभदायी होगा।
व्यवसायिक उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे।
व्यवसाय में विस्तार होगा।
व्यवसाय में लाभ मार्ग प्रशस्त होगा।
यदि आप नौकरी में हैं तो उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे।
सुख के साधनों में वृद्घि होगी।
कानूनी मसलों में सफलता हासिल होगी।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए शनि पंचम भाव में मार्गी होगा। इनके लिए समय अनुकूल रहेगा।
व्यापारिक समस्याओं का निवारण होगा।
राजनैतिक वर्चस्व बढ़ेगा।
रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे।
किया गया पूंजी निवेश अनुकूल व लाभदायक फल प्रदान करेगा।
मनोकूल व्यवसायिक परिवर्तन व नौकरी में हैं तो पदोन्नति की प्रबल संभावना।
मिथुन राशि
मिथनु राशि वालों के लिए शनि चतुर्थ भाव में मार्गी होगा।
मिथुन राशि वालों को थोड़ी सी सावधानी बरतनी पड़ेगी।
जहां एक ओर आयात-निर्यात के कार्यों मे लाभ मिलेगा,
मनोनुकूल यात्राएं होंगी,
रुका हुआ धन प्राप्त होगा
दांपत्य जीवन में अनुकूलता आयेगी
वहीं दूसरी ओर 30 अगस्त तक नये कारोबार की शुरुआत अनुकूल फल प्रदान नहीं करेगा
सावधानी बरतें।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए शनि तृतीय भाव में मार्गी होगा।
ये मार्गी शनि कर्क राशि वालों के लिए अनुकूल फल प्रदान करेगा।
पारिवारिक समस्याओं का निवारण होगा।
जमीन-जायदाद के मसले निपटेंगे।
किये गये प्रयास सफल होंगे।
वाहनादि प्राप्ति का योग भी नजर आ रहे हैं।
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए शनि दूसरे भाव में मार्गी होगा।
ये इनके लिए मध्यम फल प्रदान करेगा।
मान-सम्मान में वृद्घि होगी।
रुके हुए काम बनेंगे।
शत्रु चाह कर भी आपको नुकसान नहीं पहुंचा पायेगा।
रोजगार संबंधी समस्याओं का निवारण होगा।
परन्तु बिना सोचे-समझे पूर्वाग्रह से ग्रसिह होकर निर्णय लेना हानिकारक रहेगा।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए शनि लगन भाव में मार्गी होगा।
कन्या राशि वालों के लिए शनि मार्गी अनुकूल फल प्रदान नहीं करेगा।
पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
धन को लेकर अनावश्यक चिंताएं बनी रहेेंगी।
मित्रों से धोखा हो सकता है।
स्वास्थ्य प्रतिकूलता की प्रबल संभावना नजर आ रही है।
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए शनि द्वादश भाव में मार्गी होगा।
तुला राशि वालों के लिए यह शनि लाभदायक व शुभ फल प्रदान करेगा।
परिश्रम के अनुकूल फल प्राप्त होगे।
स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का निवारण होगा।
परिवार में मांगलिक कार्य संपन्न होंगे।
आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी परन्तु नए पूंंजी निवेश में सावधानी बरतें।
आत्मविश्वास से किये गये कार्य लाभ अवश्य दिलायेंगे।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए शनि एकादश भाव में मार्गी होगा।
वृश्चिक राशि वालों के लिए यह समय अनुकूलता का संकेत नहीं दे रहा है।
कारोबार में अनावश्यक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
इस समय नौकरी में किया गया परिवर्तन नुकसान देगा।
अपनों से बड़े भाई-बहनों से अनावश्यक परेशानी आएगी।
लाभ मार्ग अवरुद्घ होगा।
जीवन साथी से मनमुटाव की प्रबल संभावना।
अत्याधिक आत्मविश्वास और स्वार्थ की भावना कलह का कारण बनेगी।
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए शनि दशम भाव में मार्गी होगा।
धनु राशि वालों के लिए शनि का राशि परिवर्तन अनुकूल व शुभप्रद रहेगा।
पारिवारिक वातावरण अनुकूल रहेगा।
पारिवारिक रिश्तों में प्रगाढ़ता आयेगी।
रुके हुए कार्य बनेंगे।
मान-सम्मान बढ़ेगा आर्थिक परेशानियों का निवारण भी होगा।
परन्तु पूंजी निवेश में सावधानी अपेक्षित है।
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए शनि नवम भाव में मार्गी होगा।
मकर राशि वालों के लिए नवम भाव में मार्गी शनि कठिनाइयों व परेशानियों का निवारण करायेगा।
धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। अध्यात्मिक रुझान मानिसिक परेशानियों का निवारण करायेगा।
कारोबार में अनुकूल व्यवसायिक संबंध बनेेंगे।
स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का निवारण होगा।
किया गया पूंजी निवेश अवश्य लाभ देगा।
परंतु विवादित सौदों और मसलों से अपने आपको दूर रखें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए शनि अष्टïम भाव में मार्गी होगा।
कुंभ राशि वालों के लिए यह शनि सफलता का संकेत दे रहा है।
आत्मविश्वास, साहस और पराक्रम में वृद्घि होगी।
चल और अचल संपत्ति का लाभ प्राप्त होगा।
कार्यक्षेत्र में किये गये कार्य सफल होंगे।
स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का निवारण होगा।
दांपत्य जीवन में सरसता बनी रहेगी।
दांपत्य सुख में वृद्घि होगी।
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए शनि सप्तम भाव में मार्गी होगा।
सप्तम भाव में मार्गी शनि मीन राशि वालों के लिए सुखद वातावरण तैयार करेगा।
अनावश्यक कार्य संबंधी परेशानियों का निवारण होगा।
संतान संंबंधी परेशानियों का हल निकलेगा।
सरकार से लाभ प्राप्त होगा। रुके हुए सरकारी कार्य बनेंगे।
ये उपाय करेंगे आप पर धन की वर्षा
मिटाएंगे आपके कष्टï
घर में होगा सुख
मां लक्ष्मी होगी प्रसन्न
कारोबार में होना लाभ
पीछा छुटेगा शत्रुओं से
संतान को मिलेगी सफलता
मेष राशि
1. शनिवार का व्रत करें।
2. दशरथकृत शनि स्रोत का नियमित पाठ करे।
वृषभ राशि
1. शनिवार को अपने हाथ की नाप का 19 हाथ लंबा काला धागा माला बनाकर पहनें। कष्टïों से छुटकारा मिलेगा।
2. प्रतिदिन स्नानोपरांत शिवलिंग पर लघुमृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए जल और बेल पत्र चढ़ाएं। जल में दूध व गंगा जल जरूर मिलाए।
मिथुन राशि
1. घर में श्रीयंत्र और लक्ष्मी जी की स्थापना कर दोनों समय आरती व भोग लगाएं।
2. सुंदर खुशबू वाले पौधे सार्वजनिक स्थान पर लगाने चाहिए।
3. मंगलकारी शनि मंत्र का जाप करें।
कर्क राशि
1.हर रोज सांयकाल प्रदोष काल में पीपल के पेड़ में तेल का दीपक जलाएं। सात परिक्रमा करें।
2. सात लड्डïू कुत्ते को खिला दें।
सिंह राशि
1.घर में तेल का दीपक जलाकर नियमित सुबह-शाम ú शं शनैश्चराय नम: मंत्र की पांच माला जाप करें।
2. शनिवार का व्रत रखें।
3. हर रोज संध्या काल पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं।
कन्या राशि
1. घर में प्रात:काल व सांयकाल शुद्घ देसी घी का धूप व दीपक जलाएं।
2. और ú शिवाय नम: की पांच माला जाप करें।
तुला राशि
1. दशरथ कृत शनि स्तोत्र का नियमित पांच पाठ करें।
2. ú प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: मंत्र का प्रतिदिन सुबह-शाम पांच माला जाप करें।
3. सूर्य की ओर पीठ करके पीपल में जल चढ़ाएं।
वृश्चिक राशि
1. प्रत्येक शनिवार को जरूरतमंद व गरीब व्यक्तियों को केला, मीठी खीर, गुड़ एवं देसी चना बांटे।
2. नियमित सुंदरकांड व हनुमान चालीसा का पाठ करें।
धनु राशि
1. किसी भी शनिवार को इस उपाय को शुरू करें। 43 दिनों तक रविवार को छोडक़र नियमित सूर्योदय के समय शनिदेव का तेलाभिषेक करें।
2. घर में तेल का दीपक जलाकर शनैश्च स्तोत्र का पाठ करें।
मकर राशि
1. हर रोज घर में चौमुखा दीपक जलाकर शनि पत्नी नाम स्तुति का तीन माला जाप करें।
2. दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करें।
3. गाय को श्रद्घानुसार 43 दिन बूंदी के लड्डïू खिलाएं।
कुंभ राशि
1. शनिवार के दिन चोकर युक्त आटे की 2 रोटियां लेकर एक पर तेल और दूसरी पर घी चुपढ़ दें। तेल वाली रोटी पर गुड़ रखकर और घी वाली रोटी पर चने की दाल रखकर गाय को खिला दें।
मीन राशि
1. मछलियों को उड़द के आटे की छोटी-छोटी गोली बनाकर खिलायें।
2. हर रोज नित्यक्रम से निवृत होकर सूर्योदय के समय 108 बार सूर्यपुत्र दीर्घदेही विशालाक्ष: शिवप्रिय:।
मन्दचार: प्रसन्नात्मा: पीडां हरतु मे शनि:॥

Saturday 11 June 2011

18 साल के बाद 18 महीनें के लिए राहु का महा परिवर्तन योग


राहु 18 साल के बाद मंगल की राशि वृश्चिक में प्रवेश और इस राशि में राहु 18 महीनें तक रहेगा। राहु से सूर्य मंगल केतु और शुक्र का समसप्तक योग राहु और शनि का त्रिएकादश योग राहु और बृहस्पति का षडाष्टïक योग
मैदिनी ज्योतिष ग्रह गणना अनुसार इस समय जिस तरह के ग्रह योगायोग है ये 30 जुलाई तक अनुकूलता का संकेत नहीं दे रहे हैं। इस समय जबरदस्त राजनीतिक उठा-पटक परिवर्तन की संभावना है। सत्ता और विपक्ष में टकराव बढ़ेगा। राजनीतिक नये समीकरण बनेंगे। संवेदनशील विषयों पर असंवेदनशील टिप्पणी एवं बयानबाजी से बखेड़ा खड़ा होगा। प्राकृतिक प्रकोप की घटनाएं बढ़ेगी। हवा, आंधी-तूफान, अग्नि के साथ-साथ पानी से भी नुकसान की संभावना नजर आ रही है। सडक़, रेल और हवाई की दुर्घटना पुन: नजर आ रही है। भूकंप, भूसंख्लन, बाढ़ जैसी घटनाओं में बढ़ोतरी होगी। पूरा विश्व आतंकवाद से जूंझता हुआ नजर आएगा। बृहस्पति और राहु का षडाष्टïक योग धर्म को लेकर उठा-पटक का संकेत भी दे रहा है। धर्म पर किये गये अर्नगल बयानबाजी से सांप्रदायिक सौह्रïार्द की भी कमी नजर आ रही है। मैदिनी ज्योतिष मुख्य रूप से यह संकेत दे रही है संपूर्ण पक्ष और विपक्ष के राजनेताओं को एवं प्रमुख व्यक्तियों को वाणी में संयम और शालीनता का परिचय देना राष्टï्र के हित में देना अति आवश्यक होगा।

होरा शास्त्र के अनुसार द्वादश राशियों पर राहु के राशि परिवर्तन का प्रभाव

राहु अकस्मात और अचानक फल प्रदान करता है। और यह बारह की बारह राशियों को कुछ लेगा और देगा भी अवश्य।

मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए राहु अष्टïम भाव में प्रवेश करेगा। और यह परिवर्तन मेष राशि वालों के लिए मनोनुकूल रहेगा। अकस्मात व्यापार में लाभ होगा। धन वृद्घि के अवसर बढ़ेगे। व्यापारिक संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी। आय के नये साधनों की प्राप्ति का प्रबल योग।
सावधानी
पारिवारिक मतभेद से बचना होगा। विवादित भूमि संबंधी सौदों से दूर रहना होगा।क्रोध और हठधर्मिता नुकसान का कारण बनेगी।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए राहु सप्तम भाव में प्रवेश करेगा। वृषभ राशि वालों के लिए यह कॅरियर संबंधी परेशानियों का निवारण होगा। बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। सरकार से लाभ मिलेगा। मित्रों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।
यात्राएं मनोनुकूल रहेगी।
सावधानी
अनावश्यक शत्रुता से बचें। कार्य परिवर्तन और स्थान परिवर्तन से बचें। पित्तदोष संबंधी बीमारी से सावधान।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए राहु छठे भाव में प्रवेश करेगा। छठे भाव में राहु मनोनुकूल और लाभदायिक फल प्रदान करेगा। उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे। मनोनुकूल प्रमोशन और स्थान परिवर्तन का योग। मनोअभिलाषाएं पूरी होंगी। अनावश्यक बीमारियों से पीछा छुटेगा। शत्रुओं पर विजय होगी।
सावधानी
बुरे व्यसन दु:खों के कारण बनेंगे। आंखों संबंधी तकलीफ में सावधानी बरतें। मान-सम्मान के प्रति सजग रहें।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए राहु पाचवें भाव में प्रवेश करेगा। त्रिकोण भाव में राहु अनुकूल और लाभदायक फल प्रदान करेगा। लेन-देन के मसलें निपटेंगे। कारोबारी समस्याओं का निवारण होगा। अकस्मात धन कोष में वृद्घि होगी। शेयर मार्किट में लाभ। धन और ऐश्वर्य का संपूर्ण सुख प्राप्त होगा।
सावधानी
व्यर्थ की मानसिक चिंताओं से सावधान रहें। स्त्रियों से अपमान का भय हो सकता है। संतान संबंधी परेशानी भी रह सकती है।
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए राहु चौथे भाव में प्रवेश करेगा। सिंह राशि वालों के लिए राहु का परिवर्तन सामान्य रहेगा।
लाभ प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ेगा। परिश्रम के अनुकूल फल की प्राप्ति होगी। बुजुर्गों की सेवा का अवसर प्राप्त होगा। संतान पक्ष से विशेष लगाव रहेगा।
सावधानी
प्रतिकूल आवास परिवर्तन की संभावना। जन्म भूमि से दूर जाना पड़ सकता है। सरकारी अफसरों से विरोध। जमीन जायदाद के मसलें परेशानी दे सकते हैं।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के राहु तीसरे भाव में प्रवेश करेगा।कन्या राशि वालों के यह राशि परिवर्तन शुभ और अनुकूल रहेगा। संपूर्ण महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति होगी। कारोबारी समस्याओं का निवारण होगा। कारोबार के एक से अधिक साधन उपलब्ध होंगे। अनावश्यक भय, भ्रांति और भ्रम से छुटकारा मिलेगा। घर में मांगलिक कार्य संपन्न होगा।
सावधानी
लंबी यात्राओं से बचें। छोटे भाई-बहनों से बनाकर रखें। नौकरी में अपने बॉस का विरोध नहीं करें।
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए राहु दूसरे भाव में प्रवेश करेगा। तुला राशि वालों के लिए यह राशि परिवर्तन मध्यम रहेगा। हल्की सी चूक नुकसान का कारण बन सकती है। जिस तरह के ग्रह योगायोग है कारोबार में अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। मानसिक तनाव परेशानी का कारण बनेगा। बनते हुए कामों में रुकावट। और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
सावधानी
अनैतिक कार्यों से दूर रहें। दैनिक दिनचर्या नियमित रखें। खान-पान के प्रति सजग रहें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए राहु लग्न भाव में गोचर कर रहा है। वृश्चिक राशि वालों के लिए यह राशि परिवर्तन लाभदायक रहेगा। व्यापार में वृद्घि होगी। व्यवसायिक नवीन योजनाएं बनेगी। मनोनुकूल लाभ की प्राप्ति होगी। सामाजिक मान-सम्मान और सुयश में बढ़ोतरी होगी।
सावधानी
मानसिक चिंताओं को हावी नहीं होने दें। निराशाओं से दूर रहें।क्रोध और चिड़चिड़े स्वभाव पर नजर रखें।
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए राहु बारहवें भाव में गोचर कर रहा है। धनु राशि वालों के लिए यह राशि परिवर्तन मनोनुकूल रहेगा। अनावश्यक खर्चों से मुक्ति मिलेगी। पिछली समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। ऋण से छुटकारा मिलेगा।
सावधानी
विवादित सौदों से बचना। संतान पक्ष को लेकर सावधान रहना।कानून से खिलवाड़ नुकसान दे सकती है।
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए राहु ग्यारहवें भाव में गोचर कर रहा है। मकर राशि वालों के लिए यह राशि परिवर्तन बहुत शुभ व लाभदायक रहेगा। कारोबार में मनोनुकूल परिस्थितियां बनेगी। कारोबार में किये गये प्रयास मनोनुकूल फल प्रदान करेंगे। धन लाभ की प्राप्ति होगी। आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। पारिवारिक समस्याओं का निवारण होगा। परीक्षा और प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी।
सावधानी
जीवन साथी के साथ विश्वासघात नहीं करें। संतान पक्ष से विशेष सावधान रहें। बुजुर्गों की सलाह नजर अंदाज नहीं करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए राहु दसवें भाव में गोचर कर रहा है। कुंभ राशि वालों के लिए यह राशि परिवर्तन ठीक रहेगा। नौकरी में किये गये प्रयास सफल होंगे। व्यवसाय में लाभ प्राप्त होगा। अध्यात्म उन्नति के अवसर मिलेंगे। अकस्मात धन और व्यवसाय में वृद्घि होगी। मान-सम्मान की प्राप्ति होगी।
सावधानी
शत्रु से सावधान रहें। नौकरी और व्यवसाय में अंधा विश्वास नहीं करें। चल और अचल संपत्ति खरीदते समय विशेष सावधानी बरतें।
मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए राहु नौवें भाव में गोचर कर रहा है। मीन राशि वालों के लिए यह राशि परिवर्तन लाभदायक रहेगा। किये गए प्रयासों में आशातीत लाभ की प्राप्ति होगी। पुराने मित्रों से मिलन होगा और उनके सहयोग से लाभ प्राप्त होगा।
सावधानी
स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतें। भाई-बहनों के संबंधों को लेकर लापरवाही नहीं बरतें। कुसंगति नुकसान का कारण बन सकती है।

राहु के यह उपाय बदल देंगे आपका भाग्य

मेष राशि
1. चांदी की छोटी सी दो बायी दो इंच की ईंट अपने घर के ईशान कोण में रखें।
2. 8 शीशे यानी रांगा के सिक्के लगातार 40 दिन बहते पानी में प्रवाह करें।
वृषभ राशि
1. पानी वाला नारियल अपने ऊपर से सात बार उसार करके बहते पानी में प्रवाह करें।
2. 8 बादाम मंदिर में चढ़ाएं।
मिथुन राशि
1. रांगे की एक गोली 18 महीने अपने पास रखना श्रेष्ठï होगा।
2. मां सरस्वती के श्रीचरणों में नीले फूल चढ़ाना लाभदायक रहेगा।
कर्क राशि
1. घर की दहलीज के नीचे चांदी का पत्रा लगाना ठीक रहेगा।
2. रात में सोते समय पांच मोली सिराहने रखें और सुबह उसे मंदिर में दान दे दें।
सिंह राशि
1. 400 ग्राम धनिया बहते पानी में प्रवाह करें।
2. चांदी का बिना जोड़ का छल्ला कनिष्ठïा अंगुली में धारण करें।
कन्या राशि
1. पीपल के वृक्ष में लगातार 40 दिन जल अर्पित करें और सात परिक्रमा करें।
2. किन्नर को हरी वस्तुओं का दान देना अति शुभ होगा।
तुला राशि
1. श्रद्घानुसार कच्चे कोयले 27 दिन बहते पानी में प्रवाह करें।
2. कुत्ते को हर रोज अपने हाथ से रोटी खिलाएं।
वृश्चिक राशि
1. गले में चांदी की चेन धारण करें।
2. तांबे के पात्र में श्रद्घानुसार गेहूं और गुड़ भरकर बहते जल में प्रवाह कर दें।
धनु राशि
1. रात को सोते समय एक मु_ïी सौंफ पीले कपड़े में बांधकर सिरहाने रखें और सुबह मंदिर में रख दें।
2. चांदी का चौरस टुकड़ा गले में धारण करना अति शुभ रहेगा।
मकर राशि
1. बृहस्पतिवार के दिन पीले कपड़े में 9 हल्दी की गांठ बांधकर मंदिर में दान दे दें।
2. केसर का तिलक करें।
कुंभ राशि
1. 40 दिन श्रद्घानुसार जौ हर रोज गौशाला या गरीब आदमी को दान दें।
2. नीले और काले रंग के वस्त्रों का प्रयोग अवश्य करें।
मीन राशि
1. गले में सोना धारण करें।
2. सरसों की खली या सरसों का तेल गरीब व जरूरतमंद व्यक्ति को दान में दे।

श्री सिद्ध शक्तिपीठ शनिधाम पीठाधीश्वर श्रीश्री 1008 महामंडलेश्वर परमहंस दाती महाराज




Friday 10 June 2011

भारतीय ज्योतिष के अनुसार शनिदेव

भारतीय ज्योतिष के अनुसार मनुष्य जिस नक्षत्र और ग्रहों के विशेष योग में पैदा होता है, उसमें आजीवन उन्हीं विशिष्ट गुणों व शक्तियों की प्रचुरता होती है जो उस नक्षत्र और ग्रह के द्वारा पूरे वातावरण में फैलाये जाते हैं। किसी व्यक्ति की जन्मकुण्डली का विश्लेषण व फलादेश करने वाले ज्योतिषियों द्वारा देशकृत ग्रहों का जो संस्कार किया जाता है, वह भी इस बात का द्योतक है कि किसी स्थान विशेष के वातावरण में उत्पन्न एवं पुष्ट होने वाले प्राणी व पदार्थ उस स्थान पर उस समय विशेष में पडऩे वाली ग्रह-रश्मियों को अपनी निजी विशेषता के कारण अन्य स्थान व समय पर जन्मे प्राणियों या पदार्थों की तुलना में भिन्न स्वभाव, गुण व आकृतियों के अनुसार आत्मसात करते रहते हैं। यहां एक बात अवश्य याद रखनी चाहिए कि किसी भी जन्म-कुंडली का विश्लेषण व फलादेश करते समय विश्लेषक अन्य ग्रहों के अलावा शनिदेव के विश्लेषण पर विशेष जोर देते हैं। क्योंकि कर्म के कारक शनिदेव सर्वाधिक समय तक किसी भी व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करते रहते है।
शनिदेव कर्म के कारक होने की वजह से मनुष्य को क्रियमाण कर्मों का अवलंबन ले अपने पूर्वकृत कर्मों के फल भोग को भी कुछ हद तक अपने अनुरूप बनाने में सक्षम हो सकता है। ज्योतिषीय विश्लेषण के आधार पर बताये गये उपायों का अवलंबन ले प्रतिकूल परिस्थितियों को अपने अनुकूल बनाने का पुरुषार्थ कर सकता है। इस प्रकार ज्योतिष मनुष्य को भविष्य की जानकारी देकर उसे अपने कत्र्तव्यों द्वारा प्रतिकूल स्थितियों को अनुकूल बनाने के लिए प्रेरणा व प्रोत्साहन देता है। यह प्रेरणा मनुष्य के अंदर पुरुषार्थ करने की पर्याप्त चेतना भी जाग्रत करती है।
यह पूरा विश्व जिस सर्वोच्च सत्ता के संकल्प मात्र से अस्तित्व में आया है। उसी की इच्छानुसार नव ग्रहों के ऊपर इस विश्व के समस्त जड़-चेतन को नियंत्रित व अनुशासित करते रहने का गुरुतर भार भी सुपुर्द किया गया है। मानव समेत समस्त प्राणियों को मिलने वाले सुख-दुख ग्रहों के द्वारा ही प्रदान किये जाते हैं। यह बात अलग है कि किसी भी प्राणी को मिलने वाले सुख-दुखों के मूल में उस प्राणी के किये गये निजी कर्म ही होते हैं। किंतु कर्म का कारक होने की वजह से शनिदेव की क्रियमाण कर्मों के संपादन में एक अहम भूमिका है, जिससे इनकार नहीं किया जा सकता। मनुष्य के द्वारा किये गये कर्मों के विपुल भंडार में से किसी कर्म का फल कब और किस प्रकार भोगना है, इसका निर्धारण तो नव ग्रहों द्वारा ही हुआ करता है जिसमें शनिदेव की भूमिका अति विशिष्ट होती है।
क्योंकि प्राणियों के शुभाशुभ कर्मों का फल प्रदान करने में शनिदेव एक सर्वोच्च दण्डाधिकारी न्यायाधीश के रूप में कार्य करते हैं। अशुभ कर्मों के लिए नियत दण्ड प्रदान करते समय शनिदेव न तो कभी देर करते है और न पक्षपात। दण्ड देते वक्त दया तो उनको छू नहीं पाती, यही वजह है कि शनिदेव नाम से ही लोगों के हृदय में भय समा जाता है। संभवत: शनिदेव को क्रूर, कुटिल व पाप ग्रह भी इसीलिए कहा गया है। किंतु इसका मूल आशय यह नहीं कि शनिदेव के अंदर कृपालुता व दयालुता की कमी है।
पूर्वजन्म के कर्मों के अनुसार संचित पुण्य और पापों का फल वर्तमान जीवन में ग्रहों के अनुसार ही प्रकट होते हैं। इसलिए महादशा, अंतर्दशा आदि का ज्ञान भी आवश्यक है। इसलिए उसके परिणाम की जानकारी हो जाने पर इच्छित वस्तु की प्राप्ति और अनिष्ट फलों से बचाव के लिए उचित उपाय किया जा सकता है। यह याद रखने की बात है कि ग्रह संबंधी जो आयु है, वही उसकी दशा है। सभी ग्रह अपनी दशा में अपने गुण के अनुरूप जातक के पूर्वकृत शुभाशुभ कर्मों के अनुसार उसे शुभाशुभ परिणाम प्रदान करते हैं।
हमारे प्राचीन मनीषियों ने शनिदेव के अनुकूल व प्रतिकूल प्रभावों का बड़ी सूक्ष्मता से निरीक्षण कर उसकी विस्तृत विवेचना की है। शनिदेव एक ऐसे ग्रह हैं जिनका जातकों पर परस्पर विरोधी प्रभाव स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है। अगर जातक के शुभ कर्मों की वजह से शनिदेव अनुकूल होते हैं तो उसको धन-वैभव से परिपूर्ण कर देते हैं, अन्यथा उसके निजकृत अशुभ कर्मों की वजह से प्रतिकूलत फल भी देते हैं।
शनिदेव की अनुकूल दशा में मनुष्य को स्मरण-शक्ति, धन-वैभव व ऐश्वर्यादि की प्राप्ति होती है। उन्हें गड़े खजाने भी मिल जाते हैं और कारोबार में संतोषजनक लाभ भी उपलब्ध होता है। शनिदेव की अनुकूलता लोगों को जनप्रतिनिधि या शहर, कस्बों व गांवों के प्रधान भी बना देती है। उन्हें कृषि कार्य से विशेष धनार्जन होता है। ऐसे लोगों को आदर, यश, पद आदि सब पर्याप्त रूप से उपलब्ध होते हैं।
जब शनिदेव जातक के निजकृत अशुभ कर्मों की वजह से प्रतिकूल होते हैं तो जातक को जिस प्रकार सुनार सोने को आग में तपाकर गहनों में परिवर्तित कर देता है ठीक उसी प्रकार निजकृत कर्मों को भुगतवाकर एक सदाचारी मानव भी बनाता है और उसके लिए उसे बहुत से कष्टïों का सामना भी करना पड़ता है। शनिदेव पक्षपात नहीं करते हैं। वे तो मात्र जातक को कुंदन बनाने का प्रयास करते हैं। वे कतई नहीं चाहते हैं कि जातक के भीतर में कोई दाग बचा रह जाये।
याद रखें, शनिदेव के कोप का भाजन वही लोग होते हैं जो गलत काम करते हैं। अच्छे कर्म करने वालों पर शनिदेव अति प्रसन्न व उनके अनुकूल हो जाते हैं और उनकी कृपा से लोगों की उन्नति होती है। शनिदेव उनको महत्वपूर्ण पदों के स्वामी अर्थात् मंत्री, प्रधानमंत्री तक बना देते हैं। लेकिन जब शनिदेव अप्रसन्न हो जाते हैं तो उन्हीं राजनेताओं को वह काल-कोठरी में बंद करा देते हैं और उन्हें तरह-तरह की यातनाएं भी झेलनी पड़ जाती हैं।

Wednesday 4 May 2011

Serving poor is only true religion



By drawing inspiration from Mahamandaleshwar Parmhans Daati Ji Maharaj and with efforts of Shree Shanidham Trust, alawas two days Gangor Festival was organized at tribal region Kooran in collaboration of Aadiwasi Godwad Organization. Sports minister Maangilal Grasia, District Collector Neeraj K. Pawan and chairman of Vidhan Sabha Kesar Singh graced this festival with their presence.

On this occasion Daati Ji declared:

· To donate one ambulance for providing health services to deprived.

· Donation of Rs. Three lacs for office construction at subdivision headquarters of Bali.

· Shanidham Trust will help in providing teachers to deprived regions.

· Trust will help in educating unprivileged children.

· To solemnize marriage of 51 poor daughters.

· District collector to submit the list of entitled nominees for issuing card of Daati Gareeb Card Scheme.

· Also Dispersed 14 tons of sugarcane.

Daati ji said, ‘I am always ready and prepared to help poor and needy people.

On same occasion sports minister Garasia said, ‘Special efforts will be made for development of tribal regions. Education is key to all solutions. Happiness and prosperity can be brought to every house with the help of key of education. District Collector Neeraj K. Pawan said, ‘To educate each child Govt. has launched many schemes.’ Growth and development minister Parbat Singh Bhati, Parshad of Phalna Somender Gurjar, Chairman of Vidhan Sabha of Bali Kesar Singh Rajpurohit, Hansaram Mori and Former Sarpanch Dalaa Ram were also present on this occasion.

Saturday 30 April 2011

Mahamandaleshwar Paramhans Daati Maharaji

Mahamandaleshwar Paramhans Daati Maharaji
Mahamandaleshwar Paramhans Daati Maharaji
Mahamandaleshwar Paramhans Daati Maharaji
Mahamandaleshwar Paramhans Daati Maharaji
Mahamandaleshwar Paramhans Daati Maharaji
Mahamandaleshwar Paramhans Daati Maharaji
Mahamandaleshwar Paramhans Daati Maharaji
Mahamandaleshwar Paramhans Daati Maharaji
Mahamandaleshwar Paramhans Daati Maharaji
Mahamandaleshwar Paramhans Daati Maharaji
Mahamandaleshwar Paramhans Daati Maharaji
Mahamandaleshwar Paramhans Daati Maharaji
Mahamandaleshwar Paramhans Daati Maharaji
Mahamandaleshwar Paramhans Daati Maharaji
Mahamandaleshwar Paramhans Daati Maharaji

Mahamandaleshwar Paramhans Daati Maharaji

Friday 25 February 2011

सूर्य मंगल, बुध और शनि में षडाष्टïक संबंध shani maharaj

Shree Shani Dev Maharaj Puja At Shree Shanidham Shree Daati Maharaj
 सूर्य, मंगल, बुध शनि की राशि कुंभ में और शनि कन्या राशि में भ्रमण कर रहे हैं।
 इस समय राहू और शुक्र धनु राशि में बृहस्पति मीन राशि में और केतु मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं।
 मैदिनी ज्योतिष के अनुसार ये चार ग्रहों के षडाष्टïक का जमावड़ा अनुकूलता का संकेत नहीं दे रहा है
 सत्ता पक्ष को अनेको समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
 सत्ता में शामिल राजनीतिक मित्रों से भी उठापटक बढ़ेगी।
 संपूर्ण राजीनतिक दलों को अपने ही लोगों का विरोध झेलना पड़ेगा।
 ये समय प्राकृतिक प्रकोप का भी संकेत दे रहा है।
 आगजनी, रेल व हवाई दुर्घटनाओं के साथ-साथ सीमाओं पर गहमागहमी का संकेत भी मिल रहा है।
 मंहगाई को लेकर भी विशेष राहत की उम्मीद नहीं की जा सकती।
 खाद्य सामग्रियों की कीमतों में वृद्घि होगी।
 राजनीतिक उठापटक राष्टï्र के लिए परेशानी का कारण बनेगा।
 राजनेताओं में वाक्ï युद्घ बढ़ेगा जिसका प्रभाव संसद के कामकाज में अवश्य नजर आयेगा।
 ये समय मार्किट के दृष्टिïकोण से भी उठापटक से भरा रहेगा। शेयर मार्किट की विहंगम गति समझना व्यापारियों के वश में नहीं रहेगा।
 प्रोपर्टी, जमीन जायदाद, कन्शट्रक्शन, तकनीकि क्षेत्र के लोग विशेष सावधानी बरतें।
 जिस तरह के ग्रह योगायोग हैं ये 20 दिन सुरक्षा को लेकर विशेष सावधानी की आवश्यकता महसूस होगी।


होरा शास्त्र के अनुसार इस चतुग्र्रही षडाष्टïक योग का प्रभाव


मेष राशि -
 मेष राशि वालों के लिए यह योग छठे और ग्यारहवें भाव में हो रहा है।
 मेष राशि वालों के लिए यह समय हर दृष्टिï से अनुकूल व लाभदायक रहेगा।
 मनोनुकूल कार्य बनेंगे।
 शारीरिक व मानसिक परेशानियों का निवारण होगा।
 आर्थिक स्थिति पहले से ज्यादा सुदृढ़ होगी।
 कहीं से रुका हुआ धन प्राप्त होने का योग बन रहा है।
 यदि आप नौकरी में हैं तो आपके उत्साह और साहस में वृद्घि होगी।
 व्यवसाय एवं नौकरी वालों के लिए यह समय अच्छे समाचारों का नजर आ रहा है।
वृष राशि -
 वृष राशि वालों के लिए यह योग पांचवें और दशम भाव में हो रहा है।
 यह समय वृषभ राशि वालों के लिए सामान्य रहेगा।
 किये गये प्रयासों से मनोनुकूल फल की प्राप्ति होगी।
 पारिवारिक वातावरण मनोनुकूल रहेगा।
 प्रयासों से लेन-देन के मसले भी निपटेंगे।
 नितिगत लिए गये निर्णय लाभ देंगे परन्तु अनावश्यक खर्चों से परेशानी आयेगी।
 स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहना होगा।
मिथुन राशि -
 मिथुन राशि वालों के लिए यह योग चतुर्थ और नवम भाव में हो रहा है।
 ये समय मिथुन राशि वालों के लिए उतार-चढ़ाव से परिपूर्ण रहेगा।
 आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
 स्वयं पर अधिक खर्च न हो इस बात पर ध्यान देना होगा।
 नया कारोबार शुरु करने व पूंजी निवेश के लिए यह समय अनुकूल नजर नहीं आ रहा है।
 परेशानियों के बावजूद भी सगे संबंधियों व अपनों का सहयोग प्राप्त होगा।
 फिर भी शत्रु पक्ष से सावधान रहें।
 पारिवारिक वातावरण में कलह नहीं हो इस बात का ध्यान रखें।
कर्क राशि -
 कर्क राशि वालों के लिए यह योग तृतीय और अष्टïम भाव में हो रहा है।
 कर्क राशि वालों के लिए यह समय कारोबार की दृष्टिï से ठीक रहेगा।
 कारोबारी समस्याओं का निवारण होगा।
 अकस्मात धन लाभ के स्रोत बढ़ेंगे।
 व्यापारी वर्ग को नये क्षेत्र में पंूजी निवेश करने का अवसर प्राप्त होगा।
 पिछली समस्याओं से पीछा छूटेगा।
 शिक्षा के क्षेत्र में समय अनुकूल रहेगा परन्तु यदि आप नौकरी में हैं तो थोड़ी सावधानी बरतें।
सिंह राशि -
 सिंह राशि वालों के लिए यह योग द्वितीय और सप्तम भाव में हो रहा है।
 सिंह राशि वालों के लिए यह समय मिला जुला रहेगा।
 लाभ प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम की आवश्यकता महसूस होगी।
 संयम और समझदारी से काम करेंगे तो अनावश्यक समस्याओं का निवारण अवश्य होगा।
 इस समय अकारण क्रोध और लोगों की मध्यस्थता करना नुकसान देगा।
 पारिवारिक सदस्यों से वाद-विवाद बढ़ेगा।
 उधार लेन-देन के मामलों में समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
 व्यापारि वर्ग को इस समय पूंजी निवेश करते समय सावधानी बरतनी होगी।
 साझेदारी के कार्यों में सावधानी बरतें।
 जीवनसाथी की उपेक्षा न करें।
कन्या राशि -
 कन्या राशि वालों के लिए यह योग लग्न और षष्ट भाव में हो रहा है।
 कन्या राशि वालों के लिए यह समय मनोनुकूल रहेगा।
 इस समय सामाजिक सुयश और लाभ की प्राप्ति होगी।
 मान-सम्मान और यश की वृद्घि होगी।
 सामाजिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी।
 सुख सौभाग्य और ऐश्वर्य का लाभ प्राप्त होगा।
 संतान संबंधी समस्याओं का निवारण होगा।
 धन कोश में वृद्घि होगी।
तुला राशि -
 तुला राशि वालों के लिए यह योग बारहवें और पंचम भाव में हो रहा है।
 यह समय इनके लिए अनुकूल नजर नहीं आ रहा है।
 व्यवसाय में अनावश्यक समस्याओं का सामना करन पड़ेगा।
 कोर्ट-कचेहरी के मामले उलझेंगे।
 परिवार के मांगलिक कार्यों में रुकावट आयेगी।
 पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
 भूमि, भवन, वाहन खरीदने व बेचने में विशेष सावधानी बरतनी होगी।
 यात्राओं में अनावश्यक समस्याओं का सामना करन पड़ेगा।
 अनावश्यक खर्चों से मन व्यथित रहेगा।
वृश्चिक राशि -
 वृश्चिक राशि वालों के लिए यह योग ग्यारहवें और चतुर्थ भाव में हो रहा है।
 वृश्चिक राशि वालों के लिए यह समय अनुकूल रहेगा।
 कारोबारी सबंधों में सुधार होगा।
 कारोबार में एक से अधिक लाभ के साधन उपलब्ध होंगे।
 मित्रों के सहयोग से धन लाभ होगा।
 परन्तु मन की अस्थिरता व चंचलता नुकसानदेह रहेगी।
 विरोधी ताक में हैं नुकसान पहुंचानें में।
 अनावश्यक पारिवारिक समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।
धनु राशि -
 धनु राशि वालों के लिए यह योग दशम और तृतीय भाव में हो रहा है।
 धनु राशि वालों के लिए यह समय अनुकूल व लाभदायक रहेगा।
 रुका हुआ धन प्राप्त होगा।
 कारोबार में आ रही समस्याओं का निवारण होगा।
 सरकारी समस्याओं से राहत मिलेगी।
 अनुकूल देश-विदेश की यात्राओं का योग।
 साझेदारी के कार्यों में लाभ।
 पारिवारिक सदस्यों का पूर्ण सहयोग भी प्राप्त होगा।
मकर राशि -
 मकर राशि वालों के लिए यह योग नवम और द्वितीय भाव में हो रहा है।
 मकर राशि वालों के लिए यह समय मिलाजुला रहेगा।
 जहां एक ओर व्यवसाय में मनोनुकूल सफलता मिलेगी।
 रुके हुए कार्य बनेंगे। कर्मचारियों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।
 स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा।
 वहीं परिजनों को लेकर अनावश्यक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
 पैतृक संपत्ति के मामले उलझेंगे।
 अनावश्यक खर्च बढ़ेगा।
कुंभ राशि -
 कुंभ राशि वालों के लिए यह योग नवम और लगन भाव में हो रहा है।
 कुंभ राशि वालों के लिए यह समय अनुकूल नहीं है।
 आपकी कार्यशैली आपके लिए नुकसान का कारण बनेंगी।
 अत्याधिक आत्मविश्वास से समस्याएं उत्पन्न होंगी।
 सरकार से नुकसान की प्रबल संभावना होगी।
 इन समस्याओं के बावजूद भी गुजारे लायक धन की प्राप्ति अवश्य होगी।
मीन राशि -
 मीन राशि वालों के लिए यह योग अष्टïम और द्वादश भाव में हो रहा है।
 मीन राशि वालों के लिए यह समय हर दृष्टिïकोण से शुभ व मंगलमय रहेगा।
 व्यवसायिक संबंध सुधरेंगे।
 कारोबार के एक से अधिक साधन उपलब्ध होंगे।
 संपूर्ण कारोबारी विघ्रों को निवारण होगा।
 थोड़े से प्रयत्नों से कार्य सफलता का योग।
 व्यवसाय में अनुकूल साझेदारी को योग व अनुकूल साझेदारी।
द्वादश राशियों के उपाय

ये उपाय बदल देंगे आपके जीवन की दशा और दृष्टिï दोनों ही

मेष राशि:-

1. हर रोज नियमित घी का दीपक जलाकर सुंदर कांड का पाठ करें।

2. श्रद्घानुसार साबुत मसूर जरूरतमंद और गरीब व्यक्ति को दान में दें।

वृषभ राशि:-

1. अपने घर में चौमुखा घी का दीपक जलाकर पांच पाठ शिव महिमन स्तोत्र का पाठ करें या सुनें।

2. अपने वजन के बराबर ज्वार गौशाला में दान दें।

मिथुन राशि:-

1. अपने घर में सुबह-शाम घी का दीपक जलाकर नारायण कवच का पांच पाठ स्वयं करें या सदाचारी ब्राह्मïण से सुनें।

2. गरीब कन्याओं को हरे वस्त्र व हरी चीजों का दान देना कल्याणकारी होगा।

कर्क राशि:-

1. हर रोज सुबह और शाम को भगवान शिव की आराधना करें। और पांच माला लघु मृत्युंजय मंत्र का जाप करें।

2. अपने वजन के बराबर दूध की खीर बनाकर हर सोमवार को गरीब कन्याओं को खिलाएं।

सिंह राशि:-

1. हर रोज सुबह और शाम घी का दीपक जलाकर आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।

2. गरीब और जरूरतमंद बच्चों को वस्त्रों का दान करें।

कन्या राशि:-

1. इस पूरे महीने घर में घी का दीपक जलाकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

2. गौशाला या किन्नर को साबुत हरे मूंग दान करना अच्छा रहेगा।

तुला राशि:-
1. घर में चौमुखा घी का दीपक जलाकर सुबह-शाम ऊं नमो भगवते वासुदेवाय: नम: की पांच माला जाप करें।

2. कुष्ठï रोगियों को श्रद्घानुसार चावल का दान दें।

वृश्चिक राशि:-

1. घर में चौमुखा चमेली के तेल का दीपक जलाकर श्रद्घानुसार इस मंत्र ऊँ हं पवननंदनाय स्वाहा मंत्र का जाप करें साथ ही एक पाठ संकटमोचन हनुमानष्टïक का जरूर करें।

2. हर मंगलवार को बूंदी के श्रद्घानुसार लड्डïू गरीब कन्याओं में बांटे एवं लाल वस्त्रों का दान दें।

धनु राशि:-

1. घर में चौमुखा घी का दीपक जलाकर सुबह-शाम विष्णु सहस्रनाम का पांच पाठ करें।

2. गाय को हल्दी में रंगे हुए पीले आलू खिलाना लाभकारी रहेगा।

मकर राशि:-

1. घर में सुबह-शाम सरसों के तेल का दीपक जलाकर दशरथकृत शनि स्तोत्र का सात बार पाठ करें।

2. मिट्टïी के बरतन में मशरुम भरकर चुपचाप मंदिर में रखकर आ जाए।

कुंभ राशि:-

1. हर रोज घर में सरसों के तेल का दीपक जलाकर सुबह-शाम शनि मृत्युंजय स्तोत्र एवं शनि कवच का एक-एक पाठ करें।

2. श्रद्घानुसार साबुत उड़द कुष्ठï रोगी या गौशाला में दान दें।

मीन राशि:-

1. घर में चौमुखा घी का दीपक जलाकर पुरुषुक्त या श्रीसूक्त का पाठ करें या सदाचारी ब्राह्मïण से सुनें।

2. चने की दाल या बेसन के लड्डू श्रद्घानुसार गाय को खिलाएं।


Saturday 5 February 2011

बसंत पंचमी पर करें विद्या की देवी सरस्वती को प्रसन्न


Shanicharananuagi Shree Shree 1008 Mahamadaleshwer Paramhans Daati Ji Maharaj

शीत ऋतु की समाप्ति पर आगमन होता है।
मनभावन बसंत ऋतु का।
उमंगों और उत्साह से भरपूर इस पर्व को वैदिक काल से ही मनाया जाता रहा है।
आधुनिक काल में भी भारत के विभिन्न भागों में यह पर्व विविध रूपों में मनाया जाता है।
माघ माह की शुक्ल पंचमी को यह पर्व मनाने की प्रथा है।
इस समय शीत ऋतु समाप्ति की ओर होती है और ग्रीष्म ऋतु के आगमन की तैयारियां प्रारंभ हो जाती है।
इन दोनों ऋतुओं के संधिकाल में प्रकृति का रूप-सौंदर्य निखर उठता है।
दिन बड़े तथा रातें छोटी होने लगती है।
बसंत पंचमी के दिन किसान लोग नये अन्न में गुड़ तथा घृत मिश्रित करके अगि् तथा पितृ-तर्पण करते हैं।
माता सरस्वती या शारदा देवी मन, बुद्धि और ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी हैं।
विद्या की देवी सरस्वती हंसवाहिनी, श्वेतवस्त्रा, चार भुजाधारी और वीणा-वादिनी हैं।
साधना कैसे करें?

प्रात:काल जल्दी उठ जायें, स्नान तथा दैनिक क्रिया से निवृत्त होकर पीले वस्त्र धारण करें।
अब घर के किसी स्वच्छ कमरे में अथवा पूजा स्थान में अपने परिवार के साथ बैठ जायें।
पूजा में सरस्वती जी का चित्र स्थापित करें या मूर्ति स्थापित करें।
अब एक थाली लें, थाली में अष्टगंध से सरस्वती यंत्र का अंकन करें।
अंकन हेतु चांदी की शलाका का उपयोग करें।
परिस्थितिवश आप तांबे की शलाका या तार भी उपयोग में ले सकते हैं।
अब थाली में बनाये गये सरस्वती यंत्र पर धारण करने वाला सरस्वती यंत्र थाली में रखें।
सभी यंत्रों पर अष्टगंध का तिलक करें और पीले पुष्प चढ़ायें।
अब सामने अगरबत्ती, धूप व दीपक जलायें।
दूध का बना प्रसार अर्पित करें, फिर 108 बाद सरस्वती मंत्र का जाप करें।
जितने लोगों के लिये प्रयोग हो रहा है सभी इस मंत्र का 108 बार जप करें।
सरस्वती मंत्र:- ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नम:।
अब सरस्वती चित्र, सरस्वती यंत्र अथवा मूर्ति की संक्षिप्त पूजा कर पीले पुष्प चढ़ायें।
बालकों को अष्टगंध से तिलक कर पीले पुष्पों की माला पहनायें।
अब सिद्ध सरस्वती यंत्रों को प्रत्येक के गले में धारण करवायें।
इसके बाद चांदी की शलाका (तांबे की भी हो सकती है) ये अष्टगंध द्वारा प्रत्येक साधक, बालक, बालिका आदि की जीभ पर सरस्वती बीज मंत्र 'ऐं' लिख दें और फिर अपनी स्वयं की जीभ पर भी इस बीज को अंकित कर दें।
प्रत्येक बार लिखने से पूर्व शलाका को स्वच्छ जल से अवश्य धो लें।
ये बारह मंत्र बदल देंगे आपके बच्चे का भविष्य

मेष राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 गुलाब के पुष्प अर्पित करें। 108 बार ॐ ऐं नम:। इस मंत्र का जाप करें। शिक्षा में सफलता मिलेगी इसके साथ ही 11 बार गायत्री मंत्र का जाप अवश्यक करें।
वृष राशि
बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 श्वेत सुगंधित पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सरस्वत्यै नम: इस मंत्र का जाप करें। साथ ही 7 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप अवश्य करें।
मिथुन राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 हरे पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ऐं ह्र्रीं श्रीं क्लीं सरस्वत्यै बुधजनन्यै स्वाहा। इस मंत्र का जाप करें।
7 बार या देवि सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ मंत्र का जाप अवश्य करें।
कर्क राशि

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 श्वेत पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ विद्ये विद्यामालिनी चन्द्रिणि चारूमुखि स्वाहा। इस मंत्र का जाप करें।
7 बार ॐ स्वौं सोमाय नम:। मंत्र का जाप अवश्य करें।
सिंह राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 गुलाब के पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ एें नम: भगवती वद-वद वाग्देवी स्वाहा। इस मंत्र का जाप करें।
7 बार राहु गायत्री ॐ शिरोरूपय विद्मह अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहु: प्रचोदयात का जाप अवश्य करें।
कन्या राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 पीले कनेर के पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ऐं ह्र्रीं श्रीं क्लीं सरस्वत्यै बुधजनन्यै स्वाहा। इस मंत्र का जाप करें।
7 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप अवश्य करें।
तुला राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 मोगरे के पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सरस्वत्यै नम: इस मंत्र का जाप करें। साथ ही 7 बार गायत्री मंत्र का जाप अवश्य करें।
वृश्चिक राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 लाल गुड़हल के पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सरस्वत्यै नम: इस मंत्र का जाप करें।
7 बार मंगल गायत्री ॐ अंगारकाय विद्महे शक्ति हस्ताय धीमहि तन्नो भौम: प्रचोदयात का जाप अवश्य करें।
धनु राशि

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 पीले पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ह्रीं ऐं सरस्वत्यै नम:। इस मंत्र का जाप करें। साथ ही 7 बार राहु गायत्री ॐ शिरोरूपय विद्मह अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहु: प्रचोदयात का जाप अवश्य करें।
मकर राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 नीले पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार श्रीं श्रीं अहं बद बद वाग्वादिनी भगवती सरस्वत्यै नम: इस मंत्र का जाप करें।
7 बार एकदन्तो महाबुद्धिये, सर्वज्ञो गणनायक:। सर्वसिद्धि करो देवा गौरीपुत्र विनायक:॥ मंत्र का जाप अवश्य करें।
कुंभ राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 नीले पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सरस्वत्यै नम: इस मंत्र का जाप करें। साथ ही 7 बार ॐ नमो गणेशाय ॐ वक्रतुण्डाय महाकाय। सूर्यकोटि समप्रभ: निर्विघ्ं कुरूमे देवा, सर्वकार्येषु सर्वदा॥ मंत्र का जाप अवश्य करें।
मीन राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 पीले पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ह्रीं ऐं सरस्वत्यै नम:। इस मंत्र का जाप करें। साथ ही 7 बार राहु गायत्री ॐ शिरोरूपय विद्मह अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहु: प्रचोदयात का जाप अवश्य करें।
ये रुद्राक्ष बदल देंगे आपके बच्चे का भाग्य

मेष राशि -

मेष राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 2 दाने 4 मुखी, 1 दाना 12 मुखी और 2 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
वृष राशि
वृष राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 3 दाने 4 मुखी, 1 दाना 9 मुखी और 3 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
मिथुन राशि -

मिथुन राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 2 दाने 4 मुखी, 1 दाना 11 मुखी और 2 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
कर्क राशि

कर्क राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 2 दाने 4 मुखी, 1 दाना 3 मुखी और 2 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
सिंह राशि -

सिंह राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 3 दाने 4 मुखी, 1 दाना 12 मुखी और 3 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
कन्या राशि

कन्या राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 2 दाने 4 मुखी, 1 दाना 7 मुखी और 2 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
तुला राशि -

तुला राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 3 दाने 4 मुखी, 1 दाना 9 मुखी और 3 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
वृश्चिक राशि -

वृश्चिक राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 2 दाने 4 मुखी, 1 दाना 5 मुखी और 2 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
धनु राशि

धनु राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 3 दाने 4 मुखी, 1 दाना 3 मुखी और 3 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
मकर राशि -

मकर राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 2 दाने 4 मुखी, 1 दाना 10 मुखी और 2 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
कुंभ राशि -

कुंभ राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 3 दाने 4 मुखी, 1 दाना 13 मुखी और 3 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
मीन राशि

मीन राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 2 दाने 4 मुखी, 1 दाना 2 मुखी और 2 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
नुसखे भी करेंगे आपको सहयोग

पांच ग्राम खरबूजे के बीज को छील कर पिसी हुई शक्कर और दूध मिलाकर बच्चों को नियमित रूप से सेवन करायें। बच्चों की स्मरण शक्ति बढ़ती है।
सौ ग्राम शंखपुष्पी को एकलीटर पानी में डालकर उबाल लें। जब पानी आधा रह जाये तो चूल्हें से उतार कर उसमें दो ग्राम जीरा चूर्ण डालकर एक गिलास गाय के दूध के साथ बच्चों को सेवन कराने से उनकी स्मरण शक्ति बढ़ती है।
ब्राह्मी बूटी और तुलसी का पत्ता साथ-साथ देने से बच्चों की स्मरण-शक्ति बढ़ती है।
सुबह-सुबह नित्य एक सेब खिलाने से भी बच्चों की स्मरण शक्ति बढ़ जाती है।
सुबह आठ-दस तुलसी के पत्ते खिलाकर पानी पिला देने से भी स्मरण-शक्ति का विकास होता है।
दो तोले ब्राह्मी के पत्तों को एक गिलास गाय के दूध में एक लीटर जल मिलाकर पतीले में मध्यम आग पर पकाएं। जब जल मात्र एक गिलास बच जाय तो आंच से उतार ले और इसमें थोड़ी सी मिसरी मिलाकर हल्का गरम ही बच्चे को पिला दें। इससे स्मरण-शक्ति बढ़ती है और उसके बल-बुध्दि का भी विकास होता है।

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