Saturday 5 February 2011

बसंत पंचमी पर करें विद्या की देवी सरस्वती को प्रसन्न


Shanicharananuagi Shree Shree 1008 Mahamadaleshwer Paramhans Daati Ji Maharaj

शीत ऋतु की समाप्ति पर आगमन होता है।
मनभावन बसंत ऋतु का।
उमंगों और उत्साह से भरपूर इस पर्व को वैदिक काल से ही मनाया जाता रहा है।
आधुनिक काल में भी भारत के विभिन्न भागों में यह पर्व विविध रूपों में मनाया जाता है।
माघ माह की शुक्ल पंचमी को यह पर्व मनाने की प्रथा है।
इस समय शीत ऋतु समाप्ति की ओर होती है और ग्रीष्म ऋतु के आगमन की तैयारियां प्रारंभ हो जाती है।
इन दोनों ऋतुओं के संधिकाल में प्रकृति का रूप-सौंदर्य निखर उठता है।
दिन बड़े तथा रातें छोटी होने लगती है।
बसंत पंचमी के दिन किसान लोग नये अन्न में गुड़ तथा घृत मिश्रित करके अगि् तथा पितृ-तर्पण करते हैं।
माता सरस्वती या शारदा देवी मन, बुद्धि और ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी हैं।
विद्या की देवी सरस्वती हंसवाहिनी, श्वेतवस्त्रा, चार भुजाधारी और वीणा-वादिनी हैं।
साधना कैसे करें?

प्रात:काल जल्दी उठ जायें, स्नान तथा दैनिक क्रिया से निवृत्त होकर पीले वस्त्र धारण करें।
अब घर के किसी स्वच्छ कमरे में अथवा पूजा स्थान में अपने परिवार के साथ बैठ जायें।
पूजा में सरस्वती जी का चित्र स्थापित करें या मूर्ति स्थापित करें।
अब एक थाली लें, थाली में अष्टगंध से सरस्वती यंत्र का अंकन करें।
अंकन हेतु चांदी की शलाका का उपयोग करें।
परिस्थितिवश आप तांबे की शलाका या तार भी उपयोग में ले सकते हैं।
अब थाली में बनाये गये सरस्वती यंत्र पर धारण करने वाला सरस्वती यंत्र थाली में रखें।
सभी यंत्रों पर अष्टगंध का तिलक करें और पीले पुष्प चढ़ायें।
अब सामने अगरबत्ती, धूप व दीपक जलायें।
दूध का बना प्रसार अर्पित करें, फिर 108 बाद सरस्वती मंत्र का जाप करें।
जितने लोगों के लिये प्रयोग हो रहा है सभी इस मंत्र का 108 बार जप करें।
सरस्वती मंत्र:- ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नम:।
अब सरस्वती चित्र, सरस्वती यंत्र अथवा मूर्ति की संक्षिप्त पूजा कर पीले पुष्प चढ़ायें।
बालकों को अष्टगंध से तिलक कर पीले पुष्पों की माला पहनायें।
अब सिद्ध सरस्वती यंत्रों को प्रत्येक के गले में धारण करवायें।
इसके बाद चांदी की शलाका (तांबे की भी हो सकती है) ये अष्टगंध द्वारा प्रत्येक साधक, बालक, बालिका आदि की जीभ पर सरस्वती बीज मंत्र 'ऐं' लिख दें और फिर अपनी स्वयं की जीभ पर भी इस बीज को अंकित कर दें।
प्रत्येक बार लिखने से पूर्व शलाका को स्वच्छ जल से अवश्य धो लें।
ये बारह मंत्र बदल देंगे आपके बच्चे का भविष्य

मेष राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 गुलाब के पुष्प अर्पित करें। 108 बार ॐ ऐं नम:। इस मंत्र का जाप करें। शिक्षा में सफलता मिलेगी इसके साथ ही 11 बार गायत्री मंत्र का जाप अवश्यक करें।
वृष राशि
बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 श्वेत सुगंधित पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सरस्वत्यै नम: इस मंत्र का जाप करें। साथ ही 7 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप अवश्य करें।
मिथुन राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 हरे पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ऐं ह्र्रीं श्रीं क्लीं सरस्वत्यै बुधजनन्यै स्वाहा। इस मंत्र का जाप करें।
7 बार या देवि सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ मंत्र का जाप अवश्य करें।
कर्क राशि

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 श्वेत पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ विद्ये विद्यामालिनी चन्द्रिणि चारूमुखि स्वाहा। इस मंत्र का जाप करें।
7 बार ॐ स्वौं सोमाय नम:। मंत्र का जाप अवश्य करें।
सिंह राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 गुलाब के पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ एें नम: भगवती वद-वद वाग्देवी स्वाहा। इस मंत्र का जाप करें।
7 बार राहु गायत्री ॐ शिरोरूपय विद्मह अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहु: प्रचोदयात का जाप अवश्य करें।
कन्या राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 पीले कनेर के पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ऐं ह्र्रीं श्रीं क्लीं सरस्वत्यै बुधजनन्यै स्वाहा। इस मंत्र का जाप करें।
7 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप अवश्य करें।
तुला राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 मोगरे के पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सरस्वत्यै नम: इस मंत्र का जाप करें। साथ ही 7 बार गायत्री मंत्र का जाप अवश्य करें।
वृश्चिक राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 लाल गुड़हल के पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सरस्वत्यै नम: इस मंत्र का जाप करें।
7 बार मंगल गायत्री ॐ अंगारकाय विद्महे शक्ति हस्ताय धीमहि तन्नो भौम: प्रचोदयात का जाप अवश्य करें।
धनु राशि

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 पीले पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ह्रीं ऐं सरस्वत्यै नम:। इस मंत्र का जाप करें। साथ ही 7 बार राहु गायत्री ॐ शिरोरूपय विद्मह अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहु: प्रचोदयात का जाप अवश्य करें।
मकर राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 नीले पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार श्रीं श्रीं अहं बद बद वाग्वादिनी भगवती सरस्वत्यै नम: इस मंत्र का जाप करें।
7 बार एकदन्तो महाबुद्धिये, सर्वज्ञो गणनायक:। सर्वसिद्धि करो देवा गौरीपुत्र विनायक:॥ मंत्र का जाप अवश्य करें।
कुंभ राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 नीले पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सरस्वत्यै नम: इस मंत्र का जाप करें। साथ ही 7 बार ॐ नमो गणेशाय ॐ वक्रतुण्डाय महाकाय। सूर्यकोटि समप्रभ: निर्विघ्ं कुरूमे देवा, सर्वकार्येषु सर्वदा॥ मंत्र का जाप अवश्य करें।
मीन राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 पीले पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ह्रीं ऐं सरस्वत्यै नम:। इस मंत्र का जाप करें। साथ ही 7 बार राहु गायत्री ॐ शिरोरूपय विद्मह अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहु: प्रचोदयात का जाप अवश्य करें।
ये रुद्राक्ष बदल देंगे आपके बच्चे का भाग्य

मेष राशि -

मेष राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 2 दाने 4 मुखी, 1 दाना 12 मुखी और 2 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
वृष राशि
वृष राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 3 दाने 4 मुखी, 1 दाना 9 मुखी और 3 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
मिथुन राशि -

मिथुन राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 2 दाने 4 मुखी, 1 दाना 11 मुखी और 2 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
कर्क राशि

कर्क राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 2 दाने 4 मुखी, 1 दाना 3 मुखी और 2 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
सिंह राशि -

सिंह राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 3 दाने 4 मुखी, 1 दाना 12 मुखी और 3 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
कन्या राशि

कन्या राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 2 दाने 4 मुखी, 1 दाना 7 मुखी और 2 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
तुला राशि -

तुला राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 3 दाने 4 मुखी, 1 दाना 9 मुखी और 3 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
वृश्चिक राशि -

वृश्चिक राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 2 दाने 4 मुखी, 1 दाना 5 मुखी और 2 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
धनु राशि

धनु राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 3 दाने 4 मुखी, 1 दाना 3 मुखी और 3 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
मकर राशि -

मकर राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 2 दाने 4 मुखी, 1 दाना 10 मुखी और 2 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
कुंभ राशि -

कुंभ राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 3 दाने 4 मुखी, 1 दाना 13 मुखी और 3 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
मीन राशि

मीन राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 2 दाने 4 मुखी, 1 दाना 2 मुखी और 2 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
नुसखे भी करेंगे आपको सहयोग

पांच ग्राम खरबूजे के बीज को छील कर पिसी हुई शक्कर और दूध मिलाकर बच्चों को नियमित रूप से सेवन करायें। बच्चों की स्मरण शक्ति बढ़ती है।
सौ ग्राम शंखपुष्पी को एकलीटर पानी में डालकर उबाल लें। जब पानी आधा रह जाये तो चूल्हें से उतार कर उसमें दो ग्राम जीरा चूर्ण डालकर एक गिलास गाय के दूध के साथ बच्चों को सेवन कराने से उनकी स्मरण शक्ति बढ़ती है।
ब्राह्मी बूटी और तुलसी का पत्ता साथ-साथ देने से बच्चों की स्मरण-शक्ति बढ़ती है।
सुबह-सुबह नित्य एक सेब खिलाने से भी बच्चों की स्मरण शक्ति बढ़ जाती है।
सुबह आठ-दस तुलसी के पत्ते खिलाकर पानी पिला देने से भी स्मरण-शक्ति का विकास होता है।
दो तोले ब्राह्मी के पत्तों को एक गिलास गाय के दूध में एक लीटर जल मिलाकर पतीले में मध्यम आग पर पकाएं। जब जल मात्र एक गिलास बच जाय तो आंच से उतार ले और इसमें थोड़ी सी मिसरी मिलाकर हल्का गरम ही बच्चे को पिला दें। इससे स्मरण-शक्ति बढ़ती है और उसके बल-बुध्दि का भी विकास होता है।

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