Sunday 2 May 2010

शनिधाम गुरूकुल में आयोजित वाल्मीकि समाज सामूहिक विवाह समिति पाली के सदस्यों सहित प्रमुख गुरू भक्तों को संबोघित कर रहे थे। महामण्डलेश्वर

उठाया मदद का बीड़ा

सोजत। महामण्डलेश्वर दाती मदन राजस्थानी ने कहा कि अन्तर्मन में सभी प्रकार के अंतर समाप्त कर अत्यन्त पिछड़ों को गले लगा अंत्योदय करना ही युगधर्म है। वे बुधवार शाम को आलावास स्थित शनिधाम गुरूकुल में आयोजित वाल्मीकि समाज सामूहिक विवाह समिति पाली के सदस्यों सहित प्रमुख गुरू भक्तों को संबोघित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि वे शादी करने वाली प्रत्येक बालिका को एक घर में मिलने वाला पूरा सामान देंगे, ताकि उसकी गृहस्थी अच्छी हो सके। उन्होंने वाल्मीकि समाज सामूहिक विवाह समिति के अध्यक्ष फकीरचंद आदीवाल, सचिव ओमप्रकाश रील, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र घावरी सहित लगभग दो दर्जन सदस्यों को आश्वस्त किया कि पाली में 24 मई को आयोजित होने वाले सामूहिक विवाह में सम्मिलित होने वाली प्रत्येक वधु को वे एक तोला सोने का मंगलसूत्र, आधे तोले सोने की कानों की झुमकियां, 250 ग्राम चांदी के आभूषण देंगे।

दुल्हन के लिए 11 साडियों के अलावा शादी का एक वेश, किचन सेट, आलमारी, पलंग, बिस्तर, रजाई, बक्सा, सिलाई मशीन, हाथ घड़ी, मिक्सी, पंखा आदि सभी खरीद लिए गए हैं। जो विवाह के ठीक पांच दिन पहले पाली पहुंचा दिए जाएंगे। प्रत्येक वधु को 5 हजार की एफ.डी. भी कन्यादान में भेंट की जाएगी।

गौरतलब है कि इस सम्मेलन में 51 जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे। इस मौके पर प्रधान राजेशसिंह कच्छवाह, पालिकाध्यक्ष मोहनलाल टांक, कांग्रेस नेता रतन पंवार, समाजसेवी विष्णुकुमार व्यास, गजेन्द्र सोनी, परमेश्वर खत्री, लाल महाराज आदि उपस्थित थे।