दायित्व का बोध कराने वाला सच्च गुरु
देसूरी
जो गुरु दायित्व का बोध कराता है वही सच्चा गुरु होता है। गुरु और शिष्य का रिश्ता अटूट होता और दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। यह उद्बोधन महामंडलेश्वर दाती मदन राजस्थानी ने श्री गुरुलाल भेंग नवल आश्रम में आयोजित स्वागत समारोह में उपस्थित भक्तों को संबोधित करते हुए कहे।
उन्होंने कहा की धर्म की राह हर कोई नहीं चल सकता। क्योंकि इस पर चलना बड़ा कठिन होता है। अगर मानव धर्म के मार्ग से भटक गए तो जीवन को सफल बनाना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए मनुष्य को कभी धर्म का मार्ग नहीं छोडऩा चाहिए, जो कर्म इस जन्म में इंसान करता है, उसका फल भी इस जन्म में मिल जाता है। इसलिए मानव को ऐसे कर्म करने चाहिए, जिससे उसका जीवन सफल हो जाए। उन्होंने कहा कि गरीबों व अनाथों की सेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं और जिसने भी यह सेवा की है उसका जीवन सफल हो गया है, इसलिए गरीबों व अनाथों के उत्थान के लिए आगे आएं। उन्होंने लाल महाराज की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि अगर उनको व देसूरी शनि भक्तों एवं ग्रामीणों का सहयोग ऐसे ही मिलता रहा तो वह देसूरी क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि यह समय स्वागत समारोह का नहीं है, इस समय अकाल में पशुओं के लिए चारे पानी की व्यवस्था कैसे हो यह सोचना जरूरी है। जिले में पशुओं के लिए सौ ट्रक चारे की व्यवस्था की गई है। इतना ही नहीं अभयारण्य में रहने वाले वन्य जीवों के लिए 20 टैंकर पानी के और भोजन की व्यवस्था शनिधाम ट्रस्ट द्वारा की गई है।
अतिथियों का हुआ स्वागत
महामंडलेश्वर राजस्थानी के सान्निध्य में आयोजित भजन संध्या में उपस्थित मुख्य अतिथि खेल शिक्षा राज्य मंत्री मांगीलाल गरासिया, अध्यक्षता कर रहे पुष्पेन्द्रसिंह राणावत विधायक बाली, विशिष्ट अतिथि खुशवीरसिंह जिला प्रमुख, ओटाराम देवासी विधायक सिरोही, सुरेश पंडिया एएसपी बाली, भीकाराम चौधरी उप जिला प्रमुख, डूंगरसिंह राजपुरोहित कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष देसूरी, महेन्द्र शर्मा भाजपा मंडल अध्यक्ष देसूरी सहित समारोह में सहयोग देने वाले दानदाताओं का गुरुलाल भेंग नवल आश्रम के मंहत लाल महाराज ने स्वागत किया।
भजन संध्या में भक्त हुए सरोबार
दाती राजस्थानी के स्वागत समारोह के दौरान आयोजित भजन संध्या में भजन गायक नेमीचंद झुलिया, भोमसिंह सोढ़ा, विमला राव सहित अन्य भजन गायाकों ने अपनी मधुर आवाज में एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत कर उपस्थित भक्तों को भक्ति रस से सरोबार कर दिया।
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