Saturday 20 March 2010

कैसे करें माँ कालरात्रि की पूजा


क्या है पूजा? पूजा किसे कहते हैं?

यह सम्पूर्ण विषय श्रध्दा-भाव, भक्ति एवं समर्पण का है। वास्तव में भक्ति ही समर्पण है। भक्त भगवान के लिए ही जीता है। जैसे बांस की बांसुरी स्वत: ही कुछ नहीं गाती है। फिर भी परमात्मा का सुन्दर संगीत उसमें बहता है। बांसूरी तो बांस की पोली नली होती है जो राह देती है, स्थान देती है, रुकावट नहीं देती है फूंक से निकलने वाली हवा के निकलने के मार्ग में। पराशर पुत्र व्यास के अनुसार भगवान की पूजा आदि में अनुराग होना ही भक्ति है। पूजा का अर्थ होता है परमात्मा को प्रतिस्थापित करना सीमा में, आमंत्रण इसलिए कि पूजा का आरम्भ उसके बुलाने से है। अंग्रेजी में एक शब्द है गॉड और उसका जो मूल अर्थ है, जिस मूल धातु में वो पैदा हुआ है, उस मूल धातु का अर्थ है जिसको बुलाया जाता, पुकारा जाता है वही भगवान। दूसरा जिसने कभी पूजा का रहस्य ही नहीं जाना, देखेगा तुम्हें पत्थर की मूर्ति के सामने। समझेगा नासमझ वो। क्या कर रहे हो? परन्तु अब उसे पता ही नहीं है कि अब पत्थर की मूर्ति अब पत्थर की नहीं है। मृणमय अब चिन्मय यानी चेतना येक्त हो गया है क्योंकि भक्त ने पुकारा है। भक्त ने अपनी मजबूरी, अपनी विवशता जाहिर कर दी है। उसने बता दिया है कि मैं मजबूर हूँ। आप जैसा विराट मैं हो नहीं सकता हूँ। आप ही कृपा कर लो ना, मेरे जैसे छोटे हो जाओ। मेरी अड़चनें हैं कि मैं आप जैसा विराट नहीं हो सकता और जब आप छोटे हो जाओगे, तो मैं आपसे बात कर सकूं, आपसे गुफ्तगू कर सकूं। तुम्हारा कुछ नहीं बिगड़ेगा। इसलिए मूर्ति को देखना है तो भक्त की ऑंख से देखना। और जब परिपूर्ण हृदय से भगवान को पुकारा जाता है, तो मिट्टी खाली नहीं उससे और पत्थर भी बाहर नहीं उससे। जब कोई हृदय से पुकारता है तो तुरंत उसका आविर्भाव हो जाता है।

बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा।

हजारो साल से नरगिश अपनी बेनूरी पर रोती है॥

मूर्ति तो झरोखा है, वहाँ से हम विराट में झांकते हैं।

जब भक्त का हृदय बुलाता तो वह खुल जाती है॥

भक्त की ऑंख चाहिए।



माँ कालरात्रि की अवतरण गाथा

दैत्यों के राजा निशुम्भ-शुम्भ नामक दो भाई थे। उन्हीं के सेना नायक थे, रक्तबीज, महिसासुर, चण्डमुण्ड व धूम्रलोचन इन सबका विनाश करने के लिए माँ दुर्गा ने युध्द के मध्य में अपनी सहायता के लिए अपनी ललाट से एक शक्तिशाली और विशाल शक्ति को उत्पन्न किया जो कालरात्रि, कालिका, महाकाली, चामुण्डा अनेकों नाम से जानी जाती है। जब माँ भगवती ने शुम्भ-निशुम्भ के सेनापति धूम्रलोचन को यमपुरी पहुंचा दिया तब दैत्यराज शुम्भ ने चण्ड-मुण्ड को आदेश दिया कि देवी को बांध कर मेरे पास लाओ। आज्ञा पाते ही दैत्यों ने माँ जगदम्बा को चारों तरफ से घेर लिया। उन्हें पकड़ने लगे। उन्हें मारने की चेष्टा करने लगे। इस अवस्था को देख माँ दुर्गा को बहुत ही क्रोध आया और क्रोध की इस अवस्था में माँ के भ्रूमध्य यानी भौंहों के बीच से अत्यंत विराट रूप वाली काली नामक देवी प्रकट हुई। अत्यंत शक्तिशाली, विकराल रूप के बाद भी हड्डियों का ढांचा थी। अस्थि-पंजर नजर आता था। यह है माँ के अवतरण की गाथा।

द्वादश राशि के लोग कैसे करें माँ कालरात्रि की पूजा कि धन की प्राप्ति हो

मेष राशि -

कुमकुम, चंदन और केसर को घोल कर अनार की लकड़ी की कलम से 108 बेलपत्र के प्रत्येक पत्ते पर 'क्रीं' लिखें। साथ ही 108 गुलाब के फुलों की माला बना कर इस समस्त पूजा सामग्री को एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर पवित्र थाली में इन दोनों माला को रख दें। एक माला ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ कालरात्रि देव्यै नम: और एक माला ॐ शं शनैश्चराय नम: का जाप तत्पश्चात इन मालाओं को माँ कालरात्रि के चरणों में समर्पित कर दें या श्रध्दापूर्वक गले में पहना दें तो कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी।

आज का विशेष उपाय

आज के दिन से गुड़ से पकवान तथा सरसों के तेल में पूड़ी व चना बना कर प्रसाद चढ़ाएं, फिर बांटे।

वृष राशि -

कुमकुम, चंदन और केसर को घोल कर अनार की लकड़ी की कलम से 108 बेलपत्र के पत्तों पर 'ह्रीं' बीज मंत्र लिखें। और कलावा के धागे से इसकी माला बना लें। साथ ही सफेद धागे में 108 मोगरे के फुल या जवा कुसुम की माला बना कर इस समस्त पूजा सामग्री को एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर पवित्र थाली में इन दोनों माला को रख दें। घी का दीपक जलाएं। एक माला ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ कालरात्रि देव्यै नम: की और एक माला शनिपत्नी नामस्तुति की करें। तत्पश्चात माँ कालरात्रि के गले में यह माला समर्पित कर दें तो कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी।

आज का विशेष उपाय

आज के दिन 7 नारियल गोला अपने ऊपर वार कर शनिदेव के चरणों में चढ़ाएं फिर बांटे।

मिथुन राशि -

कुमकुम, चंदन और केसर को घोल कर अनार की लकड़ी की कलम से 108 बेलपत्र के पत्तों पर 'ऐं नम: क्रीं क्रीं कालिकाय स्वाहा' बीज मंत्र लिखें और कलावा के धागे से इसकी माला बना लें। साथ ही हरे धागे में 108 इलायची की माला बना कर इस समस्त पूजा सामग्री को एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर पवित्र थाली में इन दोनों माला को रख दें। घी का दीपक जलाएं। एक माला ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ कालरात्रि देव्यै नम: की और एक माला कल्याणकारी शनि मंत्र सूर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्ष: शिवप्रिय:। मन्दचार: प्रसन्नात्मा पीड़ां हरतु मे शनि: का जाप करें। तत्पश्चात इन मालाओं को माँ कालरात्रि के चरणों में समर्पित कर दें या श्रध्दापूर्वक गले में पहना दें तो कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी।

आज का विशेष उपाय

आज के दिन सूर्योदय से पूर्व ही स्नान कर पीपल के पेड़ में गुड़ डाल कर मीठा जल पश्चिम दिशा में मुख करके चढ़ायें तथा सरसां तेल का दीया जलाएं।

कर्क राशि -

कुमकुम, चंदन और केसर को घोल कर अनार की लकड़ी की कलम से 108 बेलपत्र के पत्तों पर 'क्रीं क्रीं क्रीं' बीज मंत्र लिखें और कलावा के धागे से इसकी माला बना लें। साथ ही सफेद गुंजा (चिरमटी) की 108 दाने की माला बनाकर इस समस्त पूजा सामग्री को एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर पवित्र थाली में इन दोनों माला को रख दें। घी का दीपक जलाएं। एक माला ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ कालरात्रि देव्यै नम: मंत्र का जाप और एक माला ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: का जाप करें। तत्पश्चात इन मालाओं को माँ कालरात्रि के चरणों में समर्पित कर दें या श्रध्दापूर्वक गले में पहना दें तो कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी।

आज का विशेष उपाय

आज के दिन 9 बादाम श्री शनिदेव के श्रीचरणों पर चढ़ाएं फिर गरीब और जरूरतमंद लोगों श्रद्धानुसार चावल का दान दें।

सिंह राशि -

कुमकुम, चंदन और केसर को घोल कर अनार की लकड़ी की कलम से 108 बेलपत्र के पत्तों पर 'क्रीं स्वाहा' बीज मंत्र लिखें और कलावा के धागे से इसकी माला बना लें। साथ ही 108 गुलाब के फूलों की माला बनाकर इस समस्त पूजा सामग्री को एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर पवित्र थाली में इन दोनों माला को रख दें। घी का दीपक जलाएं। एक माला जाप ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ú कालरात्रि देव्यै नम: मंत्र का और एक माला मंगलकारी शनि मंत्र नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजं, छायामार्तण्ड सम्भूतं तम नमामि शनैश्चरम॥ का जाप करें। तत्पश्चात इन मालाओं को माँ कालरात्रि के चरणों में समर्पित कर दें या श्रध्दापूर्वक गले में पहना दें तो कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी।

आज का विशेष उपाय

आज के दिन बाधा निवारण हेतु पीपल पर नारियल फोड़कर वहीं छोड़ दें व चौमुखा तेल का दीपक जलाएं।

कन्या राशि -

कुमकुम, चंदन और केसर को घोल कर अनार की लकड़ी की कलम से 108 बेलपत्र के पत्तों पर 'क्रीं क्रीं फट् स्वाहा' बीज मंत्र लिखें और कलावा के धागे से इसकी माला बना लें। साथ ही हरे धागे में 108 इलायची की माला बना कर इस समस्त पूजा सामग्री को एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर पवित्र थाली में इन दोनों मालाओं को रख दें। घी का दीपक जलाएं। धूप-दीप, पुष्प, नैवेद्य और अक्षत अर्पित करें। शुध्द आसन बिछाकर एक माला जाप ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ú क ालरात्रि देव्यै नम: का और एक माला जाप कल्याणकारी शनि मंत्र सूर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्ष: शिवप्रिय:। मन्दचार: प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनि: करें। तत्पश्चात इन मालाओं को माँ कालरात्रि के चरणों में समर्पित कर दें या श्रध्दापूर्वक गले में पहना दें तो कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी।

आज का विशेष उपाय

आज के दिन सूर्योदय से पूर्व ही स्नान कर पीपल के पेड़ के नीचे हरे कपड़े में सात मुठ्ठी साबुत उड़द बांधकर अपने ऊपर से सात बार उसार कर रख दें। सात परिक्रमा करें और सरसाें के तेल का दीपक जलाएं।

तुला राशि -

कुमकुम, चंदन और केसर को घोल कर अनार की लकड़ी की कलम से 108 बेलपत्र के पत्तों पर 'ऐं' बीज मंत्र लिखें। साथ ही सफेद धागे में 108 गुड़हल के फुल या जवा कुसूम की माला बना कर इस समस्त पूजा सामग्री को एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर पवित्र थाली में इन दोनों मालाओं को रख दें। घी का दीपक जलाएं। धूप-दीप, पुष्प, नैवेद्य व अक्षत आदि अर्पित करें। शुध्द आसन बिछाकर एक माला जाप ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ú क ालरात्रि देव्यै नम: मंत्र का और एक माला जाप ॐ शं शनैश्चराय नम:। कोणस्थ: पिंगलो बभ्रु, कृष्णौ, रोद्रान्तको, यम:। सौरि शनैश्चरा, मंद, पिप्पलादेन, संस्थित:॥ ॐ शं शनैश्चराय नम:। मंत्र का करें। तत्पश्चात माँ कालरात्रि के गले में यह माला समर्पित कर दें तो कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी।

आज का विशेष उपाय

आज के दिन 11 साबुत सुपारी, 11 कौड़ी एवं पानी वाले नारियल पर सफेद कपड़ा लपेटकर अपने ऊपर से सात बार उसार कर मां काली के श्रीचरणों में चढ़ा दें।

वृश्चिक राशि -

कुमकुम, चंदन और केसर को घोल कर अनार की लकड़ी की कलम से 108 बेलपत्र के प्रत्येक पत्ते पर 'क्रीं हूं ह्रीं स्वाहा' लिखें। साथ ही 108 लाल कनेर के फूलों की माला बना कर इस समस्त पूजा सामग्री को एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर पवित्र थाली में इन दोनों मालाओं को रख दें। घी का दीपक जलाएं। धूप-दीप, पुष्प, नैवेद्य व अक्षत अर्पित करें। शुध्द आसन बिछाकर एक माला जाप ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ कालरात्रि देव्यै नम: मंत्र का और एक माला जाप ॐ शं शनैश्चराय नम: का करें तत्पश्चात इन मालाओं को माँ कालरात्रि के चरणों में समर्पित कर दें, या श्रध्दापूर्वक गले में पहना दें तो कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी।

आज का विशेष उपाय

आज के दिन से गुड़ से पकवान तथा सरसों के तेल में पूड़ी व चना बना कर प्रसाद चढ़ाएं, फिर बांटे और श्रद्धानुसार साबुत मसूर सफाई कर्मचारी को दान में दे दें।

धनु राशि -

कुमकुम, चंदन और केसर को घोल कर अनार की लकड़ी की कलम से 108 बेलपत्र के प्रत्येक पत्ते पर 'क्रीं हूं ह्रीं स्वाहा' लिखें। साथ ही कनेर 108 पीले फूल पीले धागे में माला बना कर इस समस्त पूजा सामग्री को एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर पवित्र थाली में इन दोनों मालाओं को रख दें। घी का दीपक जलाएं। धूप-दीप, पुष्प, नैवेद्य अक्षत अर्पित करें। शुध्द आसन बिछाकर एक माला जाप ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ कालरात्रि देव्यै नम: मंत्र का और एक माला शनि गायत्री का जाप करें तत्पश्चात इन मालाओं को माँ कालरात्रि के चरणों में समर्पित कर दें या श्रध्दापूर्वक गले में पहना दें तो कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी।

आज का विशेष उपाय

आज के दिन काले कपड़े में 7 मुठ्ठी उड़द, सात लौंग, 7 काली मिर्च बांधकर अपने ऊपर से सात बार उसार कर के श्रीशनिदेव के श्रीचरणों में चढ़ा दें। सरसों के तेल में मौली से बनी बत्ती का दीया जलाएं एवं श्री शनि मंदिर में श्री शनिदेव का तैलाभिषेक करें।

मकर राशि -

कुमकुम, चंदन और केसर को घोल कर अनार की लकड़ी की कलम से 108 बेलपत्र के प्रत्येक पत्ते पर 'क्रीं हूं ह्रीं' लिखें। साथ ही 108 नीले फूल और नीले फूल न मिलने पर गुलाब की माला काले धागे में बना कर इस समस्त पूजा सामग्री को एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर पवित्र थाली में इन दोनों मालाओं को रख दें। घी का दीपक जलाएं। धूप-दीप, पुष्प, नैवेद्य अक्षत अर्पित करें। शुध्द आसन बिछाकर एक माला जाप ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ कालरात्रि देव्यै नम: मंत्र का और एक माला शनि गायत्री ॐ भगभगाय विद्महे मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनि: प्रचोदयात्। का जाप करें तत्पश्चात इन मालाओं को माँ कालरात्रि के चरणों में समर्पित कर दें या श्रध्दापूर्वक गले में पहना दें तो कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी।

आज का विशेष उपाय

आज के दिन उड़द के आटे के पकवान बनाकर कौओं और कुत्तों को भोजन अवश्य दें।

कुम्भ राशि -

कुमकुम, चंदन और केसर को घोल कर अनार की लकड़ी की कलम से 108 बेलपत्र के प्रत्येक पत्ते पर 'क्रीं हूं ह्रीं स्वाहा' लिखें। साथ ही 108 नीले फूल की माला काले धागे में बना कर इस समस्त पूजा सामग्री को एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर पवित्र थाली में इन दोनों मालाओं को रख दें। घी का दीपक जलाएं। धूप-दीप, पुष्प, नैवेद्य व अक्षत अर्पित करें। शुध्द आसन बिछाकर एक माला जाप ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ कालरात्रि देव्यै नम: मंत्र का और एक माला शनि गायत्री का जाप करें तत्पश्चात इन मालाओं को माँ कालरात्रि के चरणों में समर्पित कर दें या श्रध्दापूर्वक गले में पहना दें तो कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी।

आज का विशेष उपाय

आज के दिन अपने वजन के बराबर उड़द दाल की खिचड़ी बनाकर उसमें गुड़ डालकर गायो को खिलायें।



मीन राशि -

कुमकुम, चंदन और केसर को घोल कर अनार की लकड़ी की कलम से 108 बेलपत्र के प्रत्येक पत्ते पर 'क्रीं ह्रीं ह्रीं कालिका स्वाहा' लिखें। साथ ही कनेर 108 पीले फूल पीले धागे में माला बना कर इस समस्त पूजा सामग्री को एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर पवित्र थाली में इन दोनों मालाओं को रख दें। घी का दीपक जलाएं। धूप-दीप, पुष्प, नैवेद्य, अक्षत आदि अर्पित करें। शुध्द आसन बिछाकर एक माला जाप ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ कालरात्रि देव्यै नम: और एक माला शनि गायत्री का जाप तत्पश्चात इन मालाओं को माँ कालरात्रि के चरणों में समर्पित कर दें, या श्रध्दापूर्वक गले में पहना दें तो कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी।

आज का विशेष उपाय

आज के दिन अपने वजन के बराबर या श्रद्धानुसार बेसन के लड्डू कुत्ते और गाय को खिलाना अति लाभदायक रहेगा।

आपका नाम अक्षरों से देखें अपना राशिफल 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

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