Sunday 19 December 2010

भगवान श्री शनिदेव और शिव भरेंगे आपका भंडार


क्या है प्रदोष व्रत?
प्रदोष व्रत का सामान्य अर्थ रात का शुभारंभ माना जाता है। यानी जब सूर्य देव अस्त हो चुकने के बाद संध्या कालप्रारंभ होता है। तो रात्रि के प्रारंभ होने के पूर्व काल को प्रदोष काल कहते हैं। यानी सूर्यास्त और रात्रि के संधि काल कोप्रदोष काल कहते हैं। और यह काल पूजा के दृष्टिकोण से संपूर्ण कल्याणकारी है। आज प्रदोष व्रत का पूजन शाम 5 बजकर 51 मिनट पर प्रारंभ होगा।

कब होता है प्रदोष व्रत
शिव प्रदोष व्रत प्रत्येक महीने को प्रत्येक महीने में दो बार आता है। किसी भी महीने की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी औरकृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत माना जाता है।

कितने प्रकार के होते हैं प्रदोष व्रत और उसका लाभ
त्रयोदशी के दिन जो वार पड़ता है उसी दिन के नाम पर प्रदोष काल का नामकरण किया जाता है और वारों के अनुसारसात प्रदोष व्रत माने गये हैं।

पूजन विधान
प्रदोष व्रत के धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष प्राप्ति का बहुत की अनुकूल सुलभ और परम साधन है। भगवान शिव की अपारकृपा बरसती है इस व्रत के करने से। प्रदोष व्रत के दिन प्रात:काल नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोंपरांत अंत: करणमें भगवान शिव का ध्यान करते हुए श्रद्धा और विश्वास के साथ व्रत का प्रारंभ करें। इस व्रत के प्रमुख देवता भोलेशंकर है। साथ में भगवती पार्वती की पूजा का विधान है। इस दिन पूरे दिन निराहार रहकर संध्या काल स्नान करनेके उपरांत शुद्ध सफेद वस्त्रों को धारण करके भगवान शिव की आराधना करें। शिव का पूजन बेलपत्र, कमल के पुष्प, धतूरा के फल व पुष्प, श्वेतार्क आदि पुष्पों को ॐनम. शिवाय नम: मंत्र का जाप करते हुए भगवान शिव को अर्पितकरें। श्रद्धापूर्वक गृहस्थ व्यक्ति पंचोपचार पूजन करें। तीन माला षडाक्षरी मंत्र और तीन माला शनि मंत्र की जाप करें।फिर किसी जरूरतमंद और गरीब व्यक्ति को भोजन कराने के उपरांत आप अपना व्रत खोलें और व्रत खोलने के लिएदोनों पति-पत्नी स्नान के उपरांत सांय काल लोहे की कड़ाही में उड़द की दाल, मोटे चावल और तिल को मिलाकरखिचड़ी बनाएं। खिचड़ी का एक चौथाई हिस्सा कुत्ते को खिलाने के बाद इसी खिचड़ी को खाकर अपना व्रत खोलें।

लाभ
यह संपूर्ण मनोकामना पूर्ति व्रत है। इस व्रत के करने से गृहस्थ जीवन के संपूर्ण संकट, क्लेश, आर्थिक विषमताएं, पारिवारिक द्वेश, संतान हीनता, कारोबारी समस्याओं का निवारण होता है और मनुष्य का जीवन सुखों से भर जाताहै।
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मेष:-

इन जातकों के लिए शनि छठे और बृहस्पति बारहवे भाव से गोचर कर रहा है। इनको शनि प्रदोष व्रत की पूजन मेंपके हुए पकवानों का विशेष पूजन में प्रयोग लेना चाहिए। और मोगरे के पुष्प अर्पित करना कल्याण कारी रहेगा।पुआ का विशेष भोग लगाएं।

वृष:
इन जातकों के लिए शनि पांचवें और बृहस्पति ग्यारहवें भाव से गोचर कर रहा है। इनको शनि प्रदोष व्रत की पूजन मेंमखाने की खीर, मिली जुली मिठाइयां व हारसिंगार के फूलों से भगवान शिव का पूजन करना चाहिए।

मिथुन:
इन जातकों के लिए शनि चौथे और बृहस्पति दसवें भाव से गोचर कर रहा है। इनको शनि प्रदोष व्रत की पूजन मेंनीले कमल के फूलों या गुलाब के फूलों से भगवान शिव का पूजन करना चाहिए। इस दिन सीताफल (शरीफा) काविशेष प्रयोग पूजन में करना चाहिए।

कर्क:
इन जातकों के लिए शनि तीसरे और बृहस्पति नवम भाव से गोचर कर रहा है। इनको शनि प्रदोष व्रत की पूजन मेंमोतीचूर के लड्डु व फलों का भोग भगवान शिव को रूप से लगाना चाहिए। साथ ही इस दिन चम्पा के फूलों काविशेष रूप से भगवान शिव को अर्पित करें।
सिंह:
इन जातकों के लिए शनि दूसरे और बृहस्पति अष्टम भाव से गोचर कर रहा है। इनको शनि प्रदोष व्रत की पूजन मेंमेवा के लड्डुओं का विशेष रूप से भगवान शिव को भोग लगाना चाहिए। साथ ही गुलाब के पुष्पों से भगवान शिवकी पूजा करनी चाहिए।

कन्या:
इन जातकों के लिए शनि लग्न और बृहस्पति सप्तम भाव से गोचर कर रहा है। इनको शनि प्रदोष व्रत के पूजन में 1 श्रीफल, 108 कमल के फूल व अनार का विशेष रूप से भगवान शिव को अर्पित करना चाहिए। इस दिन इनको शरीफेका विशेष भोग लगाना चाहिए।

तुला:
इन जातकों के लिए शनि बारहवे और बृहस्पति छठे भाव से गोचर कर रहा है। इन जातकों को शनि प्रदोष व्रत कीपूजा में 7 नीले कमल के फूल से करनी चाहिए जिससे परिवार में सुख-शांति बनी रहें और उनका स्वास्थ्य भीअनुकूल रहें।

वृश्चिक:
इन जातकों के लिए शनि ग्याहवे और बृहस्पति पंचम भाव से गोचर कर रहा है। शनि प्रदोष व्रत के दिन पूजन मेंश्रीफल, नारियल, 11 गांठ हल्दी, 11 कमलगट्टे व 11 गुलाब के फूल विशेष रूप से भगवान शिव को अर्पित करें।


धनु:
इन जातकों के लिए शनि दसवें और बृहस्पति चौथे भाव से गोचर कर रहा है। इनको शनि प्रदोष व्रत की पूजन मेंकेसर का प्रयोग विशेष रूप से करना चाहिए। केसर युक्त पकवान, मिठाई आदि का भोग अति उत्तम रहेगा।

मकर:
इन जातकों के लिए शनि नवम और बृहस्पति तीसरे भाव से गोचर कर रहा है। इनको शनि प्रदोष व्रत की पूजन मेंश्वेतार्क के फूलों का विशेष प्रयोग करना चाहिए। अनार, चीकू व दूध से बनी मिठाई का विशेष रूप से भोग लगानाचाहिए।

कुम्भ:
इन जातकों के लिए शनि अष्टम और बृहस्पति दूसरे भाव से गोचर कर रहा है। इनको शनि प्रदोष व्रत की पूजन मेंगुलाब, अनार, श्रीफल व काले गुलाब जामुन मिठाई का विशेष प्रयोग करना चाहिए।

मीन:
इन जातकों के लिए शनि सप्तम और बृहस्पति लग्न भाव से गोचर कर रहा है। इनको शनि प्रदोष व्रत की पूजन मेंपीले फूलों का विशेष प्रयोग करना चाहिए। साथ ही मोतीचूर के लड्डू का विशेष भोग लगाना चाहिए।

शनि प्रदोष के दिन किया गया दान
मेष राशि वालों का दान

दान:-आज के दिन गाय गरीब को शकरकंदी का दान अति लाभकारी रहेगा।

वृषभ राशि वालों का दान
दान:- तिल का दान या तिल का तेल गऊशाला में देना शुभ रहेगा।

मिथुन राशि वालों का दान
दान:- गरीब बच्चों में जूते बांटना शुभ रहेगा।

कर्क राशि वालों का दान
दान:- गरीब व जरूरतमंद व्यक्ति को मूली का दान करना बहुत लाभकारी रहेगा।

सिंह राशि वालों का दान
दान:- लौहे की बनी वस्तुओं का दान जरूरतमंद व्यक्ति को करना हितकारी रहेगा।

कन्या राशि वालों का दान
दान:- आज के दिन किसी अनाथ व्यक्ति के लिए कफन का दान व श्मशान घाट में लकड़ी के कोयले का दानलाभकारी रहेगा।

तुला राशि वालों का दान
दान:- सफे द तिल व शक्कर से बनी रेवड़ियां बांटना अति शुभ रहेगा।

वृश्चिक राशि वालों का दान
दान:- गुड़ से बनी तिल की रेवड़ियां बांटना अति शुभ रहेगा।

धनु राशि वालों का दान
दान:- धनु राशि वाले जरूरतमंद व्यक्ति को कंबल का दान देना शुभ रहेगा।

मकर राशि वालों का दान
दान:- अपने वजन के बराबर अरबी का दान करें कष्टों से छुटकारा मिलेगा।

कुंभ राशि वालों का दान
दान:- साबूत उड़द का दान जरूरतमंद व गऊशाला में देना आपके लिए शुभ व मंगलकारी रहेगा।

मीन राशि वालों का दान
दान:- चने की दाल और लकड़ी के कच्चे कोयले का दान देना अति लाभकारी रहेगा।
ये बारह मंत्र

मेष राशि वालों का जाप मंत्र

मेष राशि वाले सरसों के तेल का दीपक जलाकर ॐ ऐं क्लीं सौ: इस मंत्र की तीन माला जाप करें।

वृषभ राशि वालों का जाप मंत्र
वृषभ राशि वाले घी का दीपक जलाकर ॐ ऐं क्लीं श्रीं इस मंत्र की पांच माला जाप करें।

मिथुन राशि वालों का जाप मंत्र
मिथुन राशि वाले सरसों के तेल का दीपक जलाकर ॐ क्लीं ऐं सौं: इस मंत्र की तीन माला जाप करें।

कर्क राशि वालों का जाप मंत्र
कर्क राशि वाले घी का दीपक जलाकर ॐ ऐं क्लीं श्रीं इस मंत्र की सात माला जाप करें।

सिंह राशि वालों का जाप मंत्र
सिंह राशि वाले सरसों के तेल का दीपक जलाकर ॐ हृीं श्रीं सौं: इस मंत्र की दो माला जाप करें।

कन्या राशि वालों का जाप मंत्र
कन्या राशि वाले सरसों के तेल का दीपक जलाकर ॐ श्रीं ऐं सौं: इस मंत्र की तीन माला जाप करें।

तुला राशि वालों का जाप मंत्र
तुला राशि वाले घी और सरसों के तेल का दीपक जलाकर ॐ हृीं क्लीं श्रीं इस मंत्र की पांच जाप करें।

वृश्चिक राशि वालों का जाप मंत्र
वृश्चिक राशि वाले घी का दीपक जलाकर ॐ ऐं क्लीं सौं: इस मंत्र की तीन जाप करें।

धनु राशि वालों का जाप मंत्र
धनु राशि वाले घी का दीपक जलाकर ॐ हृीं क्लीं सौं:इस मंत्र की सात माला जाप करें।

मकर राशि वालों का जाप मंत्र
मकर राशि वाले घी और सरसों के तेल का दीपक जलाकर ॐ ऐं क्लीं हृीं श्रीं सौं: इस मंत्र की तीन माला जाप करें।

कुंभ राशि वालों का जाप मंत्र
कुम्भ राशि वाले घी और सरसों के तेल का दीपक जलाकर ॐ हृीं ऐं क्लीं श्रीं इस मंत्र की पांच माला जाप करें। घीऔर तेल

मीन राशि वालों का जाप मंत्र
मीन राशि वाले घी का दीपक जलाकर ॐ हृीं क्लीं सौं: इस मंत्र की सात माला जाप करें।

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