Sunday 31 October 2010

शनि और बृहस्पति का मिलन वक्री बृहस्पति का राशि परिवर्तन वक्री बृहस्पति 1 नवंबर को 12: 54 मिनट पर मीन राशि से कुंभ राशि में प्रवेश


1 नवंबर 2010 को बृहस्पति वक्री अवस्था में कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। इस समय शनि कन्या राशि में, मंगल वृश्चिक राशि में, सूर्य, बुध और शुक्र तुला राशि में, राहु धनू राशि में और केतु मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं। शनि और बृहस्पति का षडाष्टक योग, मंगल और बृहस्पति का दृष्टि संबंध, सूर्य, बुध, शुक्र और बृहस्पति नवम पंचम। मैदिनी ज्योतिष के अनुसार इन संपूर्ण ग्रह योगायोग को देखते हुए लगता है कि बृहस्पति का यह राशि परिवर्तन एक महीने तक संपूर्ण राष्ट्र में आर्थिक सफलता का संकेत दे रहा है।

कारोबार में विस्तार होगा।
कारोबारी लोग राहत की सांस लेंगे।
राष्ट्र की आर्थिक सुदृढ़ होगी।
विदेशों में भारत का वर्चस्व बढ़ेगा।
इसके साथ ही भारत की आर्थिक नीति की प्रशंसा संपूर्ण विश्व में होगी।
परंतु इस समय मंगल और राहु द्वि-द्वादश यानी दो बारह योग बना रहे हैं।
यह योग सुरक्षा के दृष्टिकोण से अनुकूल संकेत नहीं दे रहा है।
सुरक्षा को लेकर अनावश्यक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
आगजनी, भूकंप, प्राकृतिक प्रकोप के साथ-साथ रेल, हवाई और सड़क दुर्घटना में बढ़ोतरी की संभावना नजर आ रही है।
शेयर मार्किट और वायदा बाजार में काम करने वाले सभी व्यवसायियों के लिए बहुत ही सूझ-बूझ और समझदारी से काम करने का है।
मार्किट एकदम बढ़ता हुआ नजर आएगा और अचानक नीचे भी आ सकता है।
क्योंकि राहु और मंगल की वजह से यह मार्किट सांप-सीढ़ी का खेल अवश्य खेलेंगा।
सभी प्रमुख धातुओं में बढ़ोतरी का योग भी नजर आ रहा है।
लेकिन यह स्थिर नहीं है इसीलिए समझदारी से बाजार में बने रहें।
होरा शास्त्र के अनुसार बारह की बारह राशियों का एक महीनों तक लाभ ही लाभ है।


मेष राशि:-

मेष राशि वालों के लिए बृहस्पति एकादश भाव और शनि छठे भाव में गोचर कर रहा है।

यह समय अति उत्तम रहेगा।

संपूर्ण मानसिक, व्यावसायिक और कारोबारी समस्याओं का निवारण होगा।

कारोबार में लाभ होगा और नए कारोबारी संबंध बनेंगे।

व्यावसायिक नवीन योजनाएं फलीभूत होगी।

रुका हुआ धन प्राप्त होगा।

धन कोष में वृद्धि होगी।

नये जरीयों से अपनी पहचान बनाने में आप सफल होंगे।

उपाय

1. किसी लावारिस व्यक्ति को कफन का दान अवश्य करें।

2. सरसों के तेल से भरा हुआ मिट्टी का बर्तन किसी तालाब में पानी के अंदर दबायें।

वृषभ राशि:-

वृषभ राशि वालों के लिए वृहस्पति दसवें भाव और पांचवे भाव में गोचर कर रहा है

यह समय सावधानी का नजर आ रहा है।

अनावश्यक कारोबारी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

यह एक महीना पूंजी निवेश से बचना होगा।

यह ग्रह गोचर मान-सम्मान में कमी और अपयश का संकेत दे रहे हैं।

अनावश्यक खर्चों में वृद्धि होगी।

इस समय अपने भी समय पर काम नहीं आएंगे।

उपाय

श्रद्वानुसार बादाम, नारियल, उड़द का दान जरूरतमंद और गरीब लोगों को दान करें।

श्रद्धानुसार बादाम मंदिर में ले जाकर उसमें से आधे वापिस उठाकर घर लाकर अपने मंदिर में रखें और 17 दिन बाद बहते पानी में प्रवाह कर दें।

मिथुन राशि:-

मिथुन राशि वालों के लिए वृहस्पति नौवें भाव और चौथे भाव में गोचर कर रहा है।

यह समय लाभ और सफलता का संकेत दे रहा है।

मनोनुकूल मनोकामनाएं पूरी होगी।

अपने बंद दायरों से बाहर निकलें। जीत आपका इंतजार कर रही हैं।

सत्ती, उत्साह, दृढ़ता और उत्साह से भरे रहेंगे।

आपका आत्म विश्वास बढ़ेगा। और यह आपके कार्यों के लिए बहुत अच्छा रहेगा।

सामाजिक सेवाओं में आपकी रुचि बढ़ेगी।

आपकी छवि निखरेगी। साथ ही आपके व्यक्तित्व की चारों ओर सराहना होगी।

पारिवारिक परिदृश्य मनोनुकूल सहयोग प्रदान करेगा।

उपाय

बुधवार के दिन श्रद्धानुसार साबुत मूंग और पान के पत्ते जल में प्रवाह करें।

गरीब व जरूरतमंद कन्याओं को दूध का दान दें।

यदि संभव हो तो आप सूर्यास्त से पहले दूध पीएं।

कर्क राशि:-

कर्क राशि वालों के लिए वृहस्पति आठवें भाव और तीसरे भाव में गोचर कर रहा है।

यह समय थोड़ा संवेदनशील नजर आ रहा है।

लाभ प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ेगा।

घरेलू जीवन में अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

स्वास्थ्य में उदर विकार, उच्च रक्तचाप, कफ संबंधी बीमारियों का संकेत नजर आ रहा है। सावधानी बरतें।

व्यवसाय को लेकर भी थोड़ी सी चिंता रहेगी।

परंतु कठिन परिश्रम और प्रयत्न से गुजारेलायक धन की प्राप्ति होती रहेगी।

उपाय

बृहस्पतिवार के दिन पीला कच्चा धागा पीपल के तने के ऊपर लपेटें।

दोहता, साला जीजा को पीली वस्तुओं का दान दें।

गरीब और जरूरतमंद लोगों को आंखों की दवाई नि:शुल्क बांटे।

सिंह राशि:-

सिंह राशि वालों के लिए वृहस्पति सातवें भाव और दूसरे भाव में गोचर कर रहा है।

यह समय सफलता व उन्नति का संकेत दे रहा है।

नवीन सोच के साथ आगे बढ़ेंगे।

साहस और उत्साह में वृद्धि होगी।

यह समय नवीन ऊर्जा प्राप्ति का अनोखा स्रोत हो सकता है।

सामाजिक दायरें बढ़ेंगे।

कैरियर संबंधी नवीन योजनाएं सफल होगी।

रचनात्मक कार्यों में रुचि बढ़ेगी।

सामाजिक सुयश और राजनीतिक वर्चस्व में बढ़ोतरी होगी।

व्यावसायिक, पारिवारिक और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह समय मनोनुकूल व खुशियों से भरा हुआ रहेगा।

उपाय

पीले कपड़ें में श्रद्धानुसार गेहूं बांधकर कुष्ठ रोगियों को दान में दें।

सात रत्ती सोने की वस्तु अपनी मां को बृहस्पतिवार के दिन भेंट करें।

शिवलिंग पर जल और बेल पत्र अर्पण करें।

कन्या राशि:-

कन्या राशि वालों के लिए वृहस्पति छठे भाव और लग्न भाव में गोचर कर रहा है।

यह समय सामान्य रहेगा।

किये गए प्रयास सफल होंगे और प्रयासों के अनुकूल धन लाभ भी होगा।

सूझ-बूझ से किये गए व्यावसायिक विस्तार का लाभ अवश्य मिलेगा।

इस समय आप पर्दे के पीछे रहकर कार्य करना ज्यादा पसंद करेंगे।

जिस तरह के ग्रह योगायोग है संर्पक सूत्रों में वृद्धि होगी और उसका लाभ भी प्राप्त होगा।

माता-पिता और बुजुर्गों का आशीर्वाद व सहयोग आपके लिए लाभदायक रहेगा।

इस समय आपको अपनी व्यर्थ की महत्वाकांक्षा को काबू में रखना जरूरी होगा।

नशीली वस्तुओं के सेवन से बचना होगा।

उपाय

हर रोज श्रद्धानुसार कुत्ते को रोटी पर तेल लगाकर उस पर गुड़ रखकर के खिलाएं।

लगातार 6 दिन श्रद्धानुसार चने की दान किसी गरीब को दान दे दें।

गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति को तवा, अंगीठी और चिमटे का दान दें।

वट वृक्ष की जड़ में मीठा दूध चढ़ाकर उस दूध से गीली मिट्टी का तिलक करें।



तुला राशि:-

तुला राशि वालों के लिए वृहस्पति पाचवें भाव और द्वादश भाव में गोचर कर रहा है।

यह समय मनोनुकूल लाभदायक सफलता का संकेत दे रहा है।

संपूर्ण पिछली समस्याओं का निवारण होगा।

पारिवारिक सुख और सौहार्द्र में वृद्धि होगी।

नौकरी में उन्नति के अवसर मिलेंगे।

आर्थिक लाभ के स्रोत बढ़ेंगे।

साझेदारी के कार्यों में सफलता और लाभ दोनों ही प्राप्त होंगे।

आत्म विश्वास इन दिनों सफलता का मूल मंत्र होगा।

उपाय

सफेद और काले कंबल श्रद्धानुसार किसी गरीब व्यक्ति को दान में दे दें।

भगवान गणपति के श्री चरणों में सफेद दूर्वा अर्पित करें।

सफेद कपड़े में श्रद्धानुसार बादाम बांध कर तिजोरी में रख दें और 17 दिन बाद गरीबों में बांट दें।

वृश्चिक राशि:-

वृश्चिक राशि वालों के लिए वृहस्पति चौथे भाव और ग्यारहवें भाव में गोचर कर रहा है।

यह समय मिलाजुला रहेगा।

कारोबार में धन लाभ के अवसर बढ़ेंगे।

कारोबारी संबंधी परेशानियों का निवारण होगा।

नए कारोबारी संबंध बनेंगे।

परंतु यदि आप नौकरी में है तो आपको अपने बॉस के साथ बनाकर रखना बहुत जरूरी होगा।

अनावश्यक वाद-विवाद और कोर्ट-कचहरी के मसलों से दूर रहना होगा।

पिता तुल्य और पिता से मतभेद न हो इस बात का थोड़ा ध्यान रखना होगा।

उपाय

अनैतिक कार्यो से दूर रहें।

मांस-मदिरा से परहेज करें।

श्रद्धानुसार साबुत मसूर की दाल लाल कपड़े में बांधकर सफाई कर्मचारी को दान में दे।

मिट्टी के घड़े में गंगाजल भर के अपने घर में स्थापित कर 21 दिन बाद पीपल के पेड़ में जल चढ़ा दें।

धनु राशि:-

धनु राशि वालों के लिए वृहस्पति तीसरे भाव और दसवें भाव में गोचर कर रहा है।

यह समय अनुकूल और लाभदायक नजर आ रहा है।

व्यवसाय में मनोनुकूल सफलता प्राप्त होगी।

व्यावसायिक संबंधी परेशानियों का निवारण होगा।

संपूर्ण महत्वकांक्षाओं की पूर्ति होगी।

किये गए प्रयासों की सराहना और लाभ भी प्राप्त होगा।

जिस तरह के ग्रह योगायोग है लाभदायक कार्य के परिवर्तन की प्रबल संभावना।

साथ ही आपकी आस्था, ऊर्जा और नवीनता का संचार होगा।

हां, इतना जरूर है कि आपको पारिवारिक जिम्मेदारी के प्रति सावधान और रिश्तों के प्रति गंभीर रहना होगा।

उपाय

लगातार एक हफ्ता नौ वर्ष की कम उम्र की लड़कियों को भोजन कराएं और उन्हें दान दे दें।

नौ हल्दी की गांठ मां दुर्गा के श्री चरणों में नौ दिन भेंट करें।

लगातार 11 दिन नेत्रहीन लोगों को भोजन कराएं।

9 मुट्ठी चने की दाल नौ दिन बहते पानी में प्रवाह करें।



मकर राशि:-

मकर राशि वालों के लिए वृहस्पति दूसरे भाव और नौवें भाव में गोचर कर रहा है।

यह समय खुशियों से भरा रहेगा।

व्यवसाय में सफलता के लिए अच्छे अवसर प्राप्त होंगे।

बड़े भाई-बहनों का अच्छा सहयोग प्राप्त होगा।

स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से समय अच्छा रहेगा।

इस समय कोई भी प्रतियोगिता और परीक्षा में आप भाग ले रहे हैं तो सफलता प्राप्ति के उत्तम योग नजर आ रहे हैं।

परंतु स्वार्थ की नीति का त्याग करना होगा।

स्वयं की बजाए दूसरों के भले के बारे में सोचना आपके लिए कल्याणकारी रहेगा।

उपाय

श्रद्धानुसार चावल कुष्ठ रोगियों को दान में दें।

बृहस्पतिवार के दिन तीन इंच का तांबे का एक त्रिशूल कहीं वीरानी भूमि में दबा दें।

नियमित रूप से सुबह-शाम अर्गला स्तोत्र का पाठ करें।

कुंभ राशि:-

कुंभ राशि वालों के लिए वृहस्पति लग्न भाव और आठवें भाव में गोचर कर रहा है।

यह समय शुभ नजर आ रहा है।

ग्रह नक्षत्र उत्तम सफलता का संकेत दे रहे हैं।

रोजगार संबंधी समस्याओं का निवारण होगा।

रोजगार के नए साधन उपलब्ध होंगे।

इस समय ग्रह नक्षत्र आपके भाग्य को बढ़ाने के लिए पूर्ण सक्षम हैं।

यदि आप नौकरी में है तो मनोनुकूल स्थान परिवर्तन और लाभ के अवसर प्राप्त होंगे।

यदि आप व्यवसाय में है तो निवेश के दृष्टिकोण से यह समय बहुत मनोनुकूल है।

पारिवारिक सुख में वृद्धि होगी।

परिजनों के मध्य सौहार्द्र की भावना कायम रहेगी।

हां, एक बहुत जरूरी बात है कि आप अत्याधिक आत्मविश्वास से बचकर रहें तो बहुत अच्छा रहेगा।

उपाय

चांदी का एक चोरस टुकड़े पर बृहस्पति यंत्र बनाकर गले में धारण कर लें।

गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति को वस्त्र दान दें।

सुहागिन स्त्रियों को पीली वस्तुओं का दान देना भी उत्तम रहेगा।

8 किलो उड़द शनिवार के दिन गौशाला में दान में दे।

मीन राशि:-

मीन राशि वालों के लिए वृहस्पति बारहवें भाव और सातवें भाव में गोचर कर रहा है।

यह समय कुछ उतार-चढ़ाव रहेगा।

पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

माता के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी।

पूंजी निवेश के लिए यह समय मनोनुकूल नहीं कहा जा सकता है।

यदि आप नौकरी में है तो सावधानी से कार्य करें।

स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाें का सामना करना पड़ेगा।

इस समय किसी के बीच में मध्यस्थता करना हानिकारक हो सकता है।

परंतु विद्यार्थियों के लिए यह समय लाभदायक रहेगा।

शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलेगी।

उपाय

पीले कपड़े में 108 हल्दी की गांठ बांधकर के अपने ऊपर से सात बार उसार करके किसी सदाचारी ब्राह्मण को दान में दे दें।

अपने घर में भगवान गणपति की अंगुष्ठ प्रमाण मूर्ति स्थापित करें।

नियमित केसर का तिलक लगाए।

बांसुरी में खांड भर के वीरानी जमीन में दबा दें।

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