Tuesday, 27 December 2022

आपका नाम अक्षरों से देखें अपना राशिफल 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

 

आपका नाम अक्षरों से देखें अपना राशिफल 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

आपका नाम इन चू,चे,चोला,ली,लू,ले,लो,अ अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=PdBExhkOo2g

 

आपका नाम इन ई,,,,वा,वी,वु,वे, अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=VoPx4Gclnik

 

आपका नाम इन क,की,कु,,,के,को,, अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=5njlpfELhFU

 

आपका नाम इन हि,हे,हु,हो,डा,डी,डू,डे,डो अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=a576uLcdCII

 

आपका नाम इन मा,मी,मू,मे,मो,टा,टी,टु,टे अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=vXtUqCVoiYM

 

आपका नाम इन टो,पा,पी,पू,,,ठे,पे,पो अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=k02MzQobpU4

 

आपका नाम इन रा,री,रू,रे,रो,ता,ती,तू,ते अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=8yrSIMSQXWA

 

आपका नाम इन तो,ना,नी,नू,नेयो,या,यि,यु अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=g2MfatG8eqo

 

आपका नाम इन ये,यो,भा,भी,भू,धा,,,भे अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=jFm0jNWyyzs

 

आपका नाम इन भो,जा,जी,जू,खिखा,खुखोगा,गि अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=3W8s4MPNjE4

 

 

आपका नाम इन गू,गे,गो,सा,सी,सू,से,सो,द अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=0kr7tIyk5qw

 

आपका नाम इन दा,दु,,,दे,दो,चा,चि अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=yK_gpRC5brM

 

 

Friday, 9 October 2020

आपका नाम अक्षरों से देखें अपना राशिफल 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए


आपका नाम इन चू
,चे,चो, ला,ली,लू,ले,लो,अ अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=PdBExhkOo2g

 

आपका नाम इन ई,,,,वा,वी,वु,वे, अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=VoPx4Gclnik

 

आपका नाम इन क,की,कु,,,के,को,, अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=5njlpfELhFU

 

आपका नाम इन हि,हे,हु,हो,डा,डी,डू,डे,डो अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=a576uLcdCII

 

आपका नाम इन मा,मी,मू,मे,मो,टा,टी,टु,टे अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=vXtUqCVoiYM

 

आपका नाम इन टो,पा,पी,पू,,,ठे,पे,पो अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=k02MzQobpU4

 

आपका नाम इन रा,री,रू,रे,रो,ता,ती,तू,ते अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=8yrSIMSQXWA

 

आपका नाम इन तो,ना,नी,नू,ने, यो,या,यि,यु अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=g2MfatG8eqo

 

आपका नाम इन ये,यो,भा,भी,भू,धा,,,भे अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=jFm0jNWyyzs

 

आपका नाम इन भो,जा,जी,जू,खि, खा,खु, खो, गा,गि अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=3W8s4MPNjE4

 

 

आपका नाम इन गू,गे,गो,सा,सी,सू,से,सो,द अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=0kr7tIyk5qw

 

आपका नाम इन दा,दु,,,दे,दो,चा,चि अक्षरों से शुरू हो रहें है तो आपको 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

https://www.youtube.com/watch?v=yK_gpRC5brM

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 


Wednesday, 13 March 2019

शनि अमावस्या महोत्सव

4 मई 2019 शनि अमावस्या महोत्सव आओ चले श्री शनिधाम, असोला, फह्तेपुर बैरी, छत्तरपुर, नई दिल्ली 110074 
https://www.facebook.com/ShreeShanidham/4 मई 2019 शनि अमावस्या महोत्सव आओ चले श्री शनिधाम, असोला, फह्तेपुर बैरी, छत्तरपुर, नई दिल्ली 110074
     

Sunday, 13 April 2014

श्री शनिधाम की सार्थक पहल - अरुण जैन

नवरात्रों के शुभ अवसर पर शनिधाम में आयोजित महिला सशक्तिकरण के तहत मिशनपूर्ण शक्ति के तत्वाधान में मदर एनजीओ श्री शनिधाम ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में असहाय, गरीब व  विधवा महिलाओं को सिलाई मशीन, हाथ रेहड़ी व ट्राई साइकिल देकर उन्हें आत्म निर्भर बनाने की एक कारगर पहल की गयी। ये आयोजन कोई पहला नहीं है। ऐसा आयोजन तो  शनिधाम ट्रस्ट समय-समय पर करता रहता है। अभी तक इन आयोजनों से हजारों महिलाओं को राहत प्रदान की गयी है। फिलहाल इस अवसर पर 40 विधवा महिलाओं को हाथ रेहड़ी व 2100 रुपये नगद राशि देकर स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया गया। वहीं 51 असहाय गरीब महिलाओं को सिलाई मशीन देकर उन्हें आत्म निर्भर बनाने की कोशिश की गयी है और 31 नि:शक्त विकलांग महिलाओं को ट्राई साइकिल देकर उनके चलने-फिरने के लिए मदद की गयी है।
इस मौके पर महिला व बालविकास मंत्रालय के सचिव अरुण कुमार जैन ने कहा कि श्री शनिधाम ट्रस्ट ने जनहित कार्य करके एक सार्थक पहल की है। ट्रस्ट पिछले कई सालों से ऐसा कार्य करता आ रहा है। मुझे पिछले दिनों संयोग से राजस्थान जाने का मौका मिला, तब मुझे दाती महाराज द्वारा संचालित बहुत सी जनउपयोगी योजनाओं के बारे में जानकारी मिलने से बहुत खुशी हुई कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और देश बचाओ के अभियान में श्री शनिधाम ट्रस्ट की भूमिका सराहनीय है। आश्चर्यचकित हो गया जब मैं गुरुकुल आश्वासन बालग्राम का अवलोकन किया। वहां के रहन-सहन व खान-पान व शिक्षा व संस्कार का अनूठा संगम देखकर मुझे अपना बचपन याद आ गया।
इस कार्य के लिए दाती महाराज व उनका ट्रस्ट साधुवाद का पात्र है और प्रभु से प्रार्थना है कि वे दीर्घायु हों, उनका ट्रस्ट हमेशा ऐसे ही जनकल्याणकारी कार्यों में संलग्न रहे। वहीं मिशन की निर्देशिका रश्मि सिंह ने कहा कि शनिधाम ट्रस्ट मिशन के साथ कंधा से कंधा मिलाकर कार्य कर रहा है। इसके लिए दाती महाराज को नमन करती हूं और आशा करती हैं कि भविष्










य में भी ऐसा सहयोग करते रहेंगे। इस अवसर पर दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त सुनिल गर्ग ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मैं आज इस कार्यक्रम में उपस्थित हूं। दाती महाराज के जनकल्याणकारी कार्य बहुत अनूठे व प्रेरणादायक हैं। हर मनुष्य को समाज में जनहित कार्य करते रहना चाहिए। उससे आने वाली पीढ़ी को भी प्रोत्साहन मिलेगा। सीनियर आईएएस सरिता सिंह ने कहा कि शनिधाम ट्रस्ट की गतिविधियों को देकर मैं बहुत प्रभावित हुई। सच में गरीब व असहाय लोगों मदद के लिए हमेशा शनिधाम ट्रस्ट तत्पर रहता है। सीनियर आईएएस रमेश तिवारी, एस.सी.एस.टी.सेल की सदस्य के कमला कुमारी व एस.सी.एस.टी.सेल की डायरेक्टर के.डी. बंसौर ने भी सभा को संबोधित किया। एएसजी हॉस्पिटल के सशांक गांग, अरुण सिंघवी, रासविहारी, सुप्रिया बंसौर, अजय चौपड़ा, भूपेश कुमार सिंह आदि गणमान्य लोग भी मौजूद थे। मंच संचालक उर्वशी जैन ने किया।

Monday, 15 October 2012

आओ शक्ति का बोध प्राप्त करने की युक्ति से जीवन को सार्थक करें



विजय दशमी के रूप में प्रसिद्घ यह त्योहार पूरे देश में विभिन्न नामों और तरीकों से मनाया जाता है। इसके मनाने के पीछे सामाजिक और धार्मिक परंपराएं तो हैं ही साथ ही साथ इसकी पृष्ठïभूमि में कुछ पौराणिक और एतिहासिक संदर्भ भी प्रस्तुत किये जाते हैं।
यह महान पर्व आदि शक्ति देवी भगवती दुर्गा की आराधना का पर्व है जो उनकी दिव्य शक्तियों से अवगत कराते हुए हमें सत्य पथ पर चलने की प्रेरणा देता रहता है। यह शक्ति स्वरूपा देवी दुर्गा सर्व देवी-गुणों (ज्ञान, भक्ति, विवेक और वैराग्य आदि) से संपन्न आदि शक्ति मानी जाती हैं। आदि शक्ति के गुणों की चर्चा दुर्गा-सप्तशती और श्रीमद्ïभाग्वत पुराण नामक धर्म ग्रंथों में बड़े विस्तार से मिलती है। उन्हीं ग्रंथों के आधार पर देवी की आराधना आश्विन के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक नवरात्र उत्सव के रूप में की जाती है। कहीं-कहीं दशमी के दिन रामलीला (मर्यादापुरुषोत्तम भगवान रामचंद्र के जीवन और कार्यों पर आधारित नाटक) का आयोजन भी होता है। क्योंकि जनश्रुति है कि इसी दशमी के दिन रामचंद्र जी ने अन्यायी और अत्याचारी शासक रावण पर विजय प्राप्त की थी।
परंतु किसी भी प्रसिद्घ गं्रथ में यह चर्चा नहीं है कि राम ने इसी दिन ही रावण का वध किया। हां, यह चर्चा अवश्य है कि इसी दिन राम ने रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए अपनी विजय यात्रा प्रारंभ की थी। किंतु जनश्रुति के आगे धर्म ग्रंथों की बात दब सी गयी और लोग इस दिन को रावण का मारा जाना ही सही मानते हैं और जगह-जगह इसी दिन रावण के पुतले भी जलाये जाते हैं।
            ऐसा कहा जाता है कि स्वयं भगवान रामचंद्र ने लंका पर चढ़ाई से पूर्व नवरात्र में आदि शक्ति देवी भगवती की पूजा की थी। अत: आदि शक्ति दुर्गा और श्री रामचंद्र में श्रद्घा रखने वाला हर श्रद्घालु भक्त बड़े उत्साह और हर्षोल्लास के साथ विजयादशमी पर्व को व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से मनाता है। वैसे तो हर पर्व के पीछे कोई न कोई धार्मिक और आध्यात्मिक कारण रहता है, लेकिन इस महान पर्व की महिमा इसीलिए विशेष है कि इसका मुख्य संबंध शक्ति से है। जिसकी महिमा प्राचीन ऋषियों और आधुनिक वैज्ञानिकों दोनों ने समान रूप से स्वीकार किया है। एक तरफ- दुर्गा सप्तशती में आदि शक्ति को सृजन और संहार से परे बताते हुए उन्हें सार्वभौमिक एवं सार्वकालिक बताया गया है। शक्ति को अजर, अमर, अनादि और अनंत बताते हुए उसे हर प्राणी और वस्तु में स्थित कहा गया है। यथा-
या देवी सर्व भूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता.....।
            और, दूसरी तरफ विज्ञान कहता है Energy is neither created nor destroyed अर्थात  शक्ति (ऊर्जा) का न तो सृजन होता है और न विनाश होता है। परंतु देवी, जिसकी आराधना सभी देवी भक्तों ने की है, उसे शक्ति का एक चैतन्य स्वरूप माना गया है। दूसरी तरफ विज्ञान के अनुसार शक्ति उत्पत्ति और संहार से परे तो है, परंतु जड़ है, अचेतन है। फिर भी दोनों मान्यताओं के अनुसार यह सभी भूत प्राणियों और सभी अणु-परमाणुओं में स्थित है। स्पष्टï है- यह हर मनुष्य के अंतरतम में भी स्थित है। संभवत: इसीलिए स्वामी विवेकानंद जी का कहना है- अपने अंदर के देवत्व को प्रकट करो। इसको प्रकट करने के लिए कुछ विशेष प्रयत्न करने की जरूरत है, जिनमें अंतर्मुख करने वाले साधनों का अभ्यास सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। परंतु जब हम केवल बाहरी पूजा-आराधना तक ही सीमित रहते है, या भौतिक शक्तियों की प्राप्ति मात्र के लिए ही जप-तप, संयम का सहारा लेते हैं तो हमें अंदर मुडऩे का अवसर नहीं प्राप्त हो पाता। इसके विपरीत हम बहिर्मुखी हो जाते हैं और बाह्यï सिद्घियों की प्राप्ति कर केवल यश और अहं के चपेट में आ जाया करते हैं, अर्थात अविद्या का दास बनकर अज्ञानांधकार में भटकने लगते हैं।         संयोगवश कोई व्यक्ति जब समय के सच्चे अनुभवी संत-महापुरुष के संपर्क में आता है तो उसे उनसे अंतर्मुख होने वाला साधन अर्थात तत्वज्ञान की प्राप्ति होती है जिससे सच्ची शक्ति (देवी) या देवत्व की पहचान होती है। क्योंकि देवी को दुर्गा सप्तशती में ज्ञानस्वरूप भी कहा गया है। यथा-
या देवी सर्वभूतेषु ज्ञानरूपेण संस्थिता....।
            अर्थात वह आदि शक्ति हर भूत प्राणी में ज्ञान के रूप में विराजमान है, जिसे व्यावहारिक रूप से जानकर उपासना करना ही सच्ची आराधना है, सच्ची देवी पूजा या दुर्गा पूजा है। वास्तवमें दशहरा मनाने का यही सर्वोत्तम तरीका है। जब हमारे आंतरिक अनुभव शक्ति के प्रभुत्व से हमारे अंदर उपस्थित अज्ञानजनित विकारों की पराजय होगी तभी हम सही मायनों में रावण पर राम की विजय यात्रा को अपने वर्तमान जीवन में उतार पायेंगे। दशहरा पर्व हम सभी को ऐसा ही करने (शक्ति बोध या आत्म बोध प्राप्त करने) की प्रेरणा प्रदान करता है।
पुन: इस संदर्भ में यह कहना अनुचित न होगा कि आज जब संसार में सभी तरफ शक्ति संतुलन की बात की जा रही है उसकी शुरुआत हर व्यक्ति अपने आप से करे। क्योंकि अतीत से प्रारंभ शक्ति संघर्ष आज भी लाख प्रयत्न के बावजूद जारी है और इस धरती पर पहले ही मनुष्यों ने कितनी विनाश लीलाएं देखी हैं।
अत: ऋषि मुनियों द्वारा निर्दिष्टï चैतन्य आदि शक्ति और आधुनिक भौतिक विज्ञान वेत्ताओं द्वारा बतलायी गयी अचेतन शक्ति के बीच लुप्त कड़ी को किसी समय के मार्गदर्शक महापुरुष की शरणागत होकर जानने का प्रयत्न करें। उस लुप्त कड़ी का अहसास हर व्यक्ति को जब व्यक्तिगत स्तर पर होगा, मात्र सैद्घांतिक ही नहीं, स्वानुभूति पर आधारित होगा। तब स्वत: ही हम एक सुंदर सामंजस्य की तरफ अग्रसर होंगे और यह विश्व में शक्ति संतुलन स्थापित करने में एक आधार का काम करेगी। वह लुप्त कड़ी को किसी समय के मार्गदर्शक महापुरुष की शरणागत होकर जानने का प्रयत्न करें। उस लुप्त कड़ी का अहसास हर व्यक्ति को जब व्यक्तिगत स्तर पर होगा, मात्र सैद्घांतिक ही नहीं, स्वानुभूति पर आधारित होगा। तब स्वत: ही हम एक सुंदर सामंजस्य की तरफ अग्रसर होंगे और यह विश्व में शक्ति संतुलन स्थापित करने में एक आधार का काम करेगी।
वह लुप्त कड़ी और कुछ नहीं, हमारी अपनी ही मूल शक्ति है, वह हमारे अस्तित्व की मूल इकाई है। उस मूल शक्ति के बोध के अभाव में विश्व की विकट परिस्थितियों का कोई समाधान निकलता प्रतीत नहीं होता। अफसोस है कि लोग उस मूल शक्ति को जानने पहचानने तथा पूर्ण मनुष्यत्व की मूल अवधारणा को अपनाने आदि की बातें तो करते हैं, किंतु बहुत कम लोग अपने गोरखधंधे से थोड़ा समय निकालकर इस महत्वपूर्ण पहलू पर विचार करते हैं, आगे कदम बढ़ाकर इसकी अनुभूति प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। आएं, हम दशहरा पर्व पर अपने आप में बैठी रावणी वृति के पराभव के लिए आदि-शक्ति की वास्तविक आराधना करें। अपनी मूल शक्ति का व्यवहारिक बोध प्राप्त करने की युक्ति जानकर इस जीवन को सार्थक करें।

Friday, 2 September 2011

Shani Sadhe Satti dhaiya



The Sadhe Satti


The Planet Saturn (Shani) takes on an average a little over 29 months to traverse through each constellation or sign or Rashi of the zodiac. This can be rounded up to 2.5 years per sign or 30 years for one revolution around the zodiac. Saturn is the outermost planet that describes more than one revolution around the zodiac during the lifetime of most human beings.

When Saturn arrives in the sign in 12th from the birth moon, the moon sign itself and the sign next to the moon sign, takes about 7.5 years and the term for 7.5 in is ‘SadheSatti Period’. This phase of 7.5 years repeats again in about 30 years and so, many individuals may experience 2 to 3 such periods during their lifetime.
To give an example of the periods described above, if we assume that one was born in the Aries moon sign in the birth chart. when Saturn transits the signs of Pisces, Aries and Taurus, the individual will experience sadhesati .
Hence the SadheSatti affects the people of three signs, at a time. In the first phase of it, when Shani transits over the sign prior to the natal moon sign, its effect is said to have over the head. After two & a half years when Shani transits over the natal moon, it is the second phase of SadheSatti. Its position and affective area is the heart.
Further after two & half years when Shani transits over the next sign from the natal moon, it affects the feet of the native. Thus, for various signs, Shani’s SadheSatti is calculated. It gives both types of results, the good and the bad.
Sometime, the whole period of SadheSatti gives adverse affects through problems and troubles. However, to a very few people, SadheSatti gives benefic effects throughout its whole period. It makes them happy, perspicuous and an honourable person. Performing remedial measures during the SadheSatti period of Shani, it inclines to the benefic results and declines the malefic ones.
The following remedial measure can be made to cut down the malefic results of the SadheSati of the Shani : -
Put eight kilograms of mustard oil in an iron pot and look your face into it. Now, take this oil in Shani temple and offer the oil at Shani idol while wearing wet red Lungi. It is an appropriate manner of ‘Telabhishek’ (bathing Shani idol with oil).

The Dhaiya


When Shani transiting over the Fourth and the Eighth house from the Natal Moon, it is called the Fourth & the Eighth Dhaiya respectively.
Shani takes complete 30 years to take a round of the zodiac. Thus, it remains for two and a half years over each sign. When Shani transits over the fourth or the eighth house from natal moon, it is called 'Dhaiya'. These two periods of 'Dhaiya' leave the good and the bad effects over the native. Every body has to pass through this period. Those having malefic effects of Shani, should perform remedial measures, without fail. In the 'Dhaiya' of Shani, its impact on our life increases and the malefic position causes to increase malefic effects. The benefic effects of moon are turned down and are gone useless. Thus, the native gets surrounded by the problems and the troubles.
Perform the following remedial measures to nullify the adverse (malefic) effects during the period of Dhaiya: -
Write “Tainteesa Yantra (device)” over a white cloth with collyrium or black ink and put a dry coconut fruit over it and wrap this cloth like a parcel. Circumambulate this parcel over the head of the native seven times and throw it into the flowing water. Such a remedial measure be done on continuous three 'Shani Amavasya'. It would help to nullify Shani related problems.
Whosoever is affected by the 'Dhaiya', he himself should enchant the below mentioned Tantric-Mantra of Shani, to obtain the grace of Lord Shani -
Om Pram,Preem,Prom,
Se,Shanishcharaya Nameh
How to Enchant : 21 series of this Mantra be enchanted. Enchant them for continuous 40 days. Don’t break the chain while doing so. It should not be stopped in between. Enchant the Mantra sitting on the same place every day. Observe celibacy and take pure and vegetarian food only. Keep fasting on Saturday and donate oil, urad, gram etc.
Arrange a feast for mendicants in Shani temple for eight Saturdays, if possible.
Offer vermillion to Hanuman ji every tuesday.
Arrange enchantment of “Mahamrityunja Japa”.
A part of your food should be offered to a crow.

देर रात पूर्ण आहुति से संम्पन हुआ नवरात्री का मंत्र साधना अनुष्ठान

  देर रात पूर्ण आहुति से संम्पन हुआ नवरात्री का मंत्र साधना अनुष्ठान साऊथ दिल्ली के असोला में स्थित श्री सिद्ध शक्ति पीठ शनिधाम में नवरात्री...