Friday 25 February 2011

सूर्य मंगल, बुध और शनि में षडाष्टïक संबंध shani maharaj

Shree Shani Dev Maharaj Puja At Shree Shanidham Shree Daati Maharaj
 सूर्य, मंगल, बुध शनि की राशि कुंभ में और शनि कन्या राशि में भ्रमण कर रहे हैं।
 इस समय राहू और शुक्र धनु राशि में बृहस्पति मीन राशि में और केतु मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं।
 मैदिनी ज्योतिष के अनुसार ये चार ग्रहों के षडाष्टïक का जमावड़ा अनुकूलता का संकेत नहीं दे रहा है
 सत्ता पक्ष को अनेको समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
 सत्ता में शामिल राजनीतिक मित्रों से भी उठापटक बढ़ेगी।
 संपूर्ण राजीनतिक दलों को अपने ही लोगों का विरोध झेलना पड़ेगा।
 ये समय प्राकृतिक प्रकोप का भी संकेत दे रहा है।
 आगजनी, रेल व हवाई दुर्घटनाओं के साथ-साथ सीमाओं पर गहमागहमी का संकेत भी मिल रहा है।
 मंहगाई को लेकर भी विशेष राहत की उम्मीद नहीं की जा सकती।
 खाद्य सामग्रियों की कीमतों में वृद्घि होगी।
 राजनीतिक उठापटक राष्टï्र के लिए परेशानी का कारण बनेगा।
 राजनेताओं में वाक्ï युद्घ बढ़ेगा जिसका प्रभाव संसद के कामकाज में अवश्य नजर आयेगा।
 ये समय मार्किट के दृष्टिïकोण से भी उठापटक से भरा रहेगा। शेयर मार्किट की विहंगम गति समझना व्यापारियों के वश में नहीं रहेगा।
 प्रोपर्टी, जमीन जायदाद, कन्शट्रक्शन, तकनीकि क्षेत्र के लोग विशेष सावधानी बरतें।
 जिस तरह के ग्रह योगायोग हैं ये 20 दिन सुरक्षा को लेकर विशेष सावधानी की आवश्यकता महसूस होगी।


होरा शास्त्र के अनुसार इस चतुग्र्रही षडाष्टïक योग का प्रभाव


मेष राशि -
 मेष राशि वालों के लिए यह योग छठे और ग्यारहवें भाव में हो रहा है।
 मेष राशि वालों के लिए यह समय हर दृष्टिï से अनुकूल व लाभदायक रहेगा।
 मनोनुकूल कार्य बनेंगे।
 शारीरिक व मानसिक परेशानियों का निवारण होगा।
 आर्थिक स्थिति पहले से ज्यादा सुदृढ़ होगी।
 कहीं से रुका हुआ धन प्राप्त होने का योग बन रहा है।
 यदि आप नौकरी में हैं तो आपके उत्साह और साहस में वृद्घि होगी।
 व्यवसाय एवं नौकरी वालों के लिए यह समय अच्छे समाचारों का नजर आ रहा है।
वृष राशि -
 वृष राशि वालों के लिए यह योग पांचवें और दशम भाव में हो रहा है।
 यह समय वृषभ राशि वालों के लिए सामान्य रहेगा।
 किये गये प्रयासों से मनोनुकूल फल की प्राप्ति होगी।
 पारिवारिक वातावरण मनोनुकूल रहेगा।
 प्रयासों से लेन-देन के मसले भी निपटेंगे।
 नितिगत लिए गये निर्णय लाभ देंगे परन्तु अनावश्यक खर्चों से परेशानी आयेगी।
 स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहना होगा।
मिथुन राशि -
 मिथुन राशि वालों के लिए यह योग चतुर्थ और नवम भाव में हो रहा है।
 ये समय मिथुन राशि वालों के लिए उतार-चढ़ाव से परिपूर्ण रहेगा।
 आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
 स्वयं पर अधिक खर्च न हो इस बात पर ध्यान देना होगा।
 नया कारोबार शुरु करने व पूंजी निवेश के लिए यह समय अनुकूल नजर नहीं आ रहा है।
 परेशानियों के बावजूद भी सगे संबंधियों व अपनों का सहयोग प्राप्त होगा।
 फिर भी शत्रु पक्ष से सावधान रहें।
 पारिवारिक वातावरण में कलह नहीं हो इस बात का ध्यान रखें।
कर्क राशि -
 कर्क राशि वालों के लिए यह योग तृतीय और अष्टïम भाव में हो रहा है।
 कर्क राशि वालों के लिए यह समय कारोबार की दृष्टिï से ठीक रहेगा।
 कारोबारी समस्याओं का निवारण होगा।
 अकस्मात धन लाभ के स्रोत बढ़ेंगे।
 व्यापारी वर्ग को नये क्षेत्र में पंूजी निवेश करने का अवसर प्राप्त होगा।
 पिछली समस्याओं से पीछा छूटेगा।
 शिक्षा के क्षेत्र में समय अनुकूल रहेगा परन्तु यदि आप नौकरी में हैं तो थोड़ी सावधानी बरतें।
सिंह राशि -
 सिंह राशि वालों के लिए यह योग द्वितीय और सप्तम भाव में हो रहा है।
 सिंह राशि वालों के लिए यह समय मिला जुला रहेगा।
 लाभ प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम की आवश्यकता महसूस होगी।
 संयम और समझदारी से काम करेंगे तो अनावश्यक समस्याओं का निवारण अवश्य होगा।
 इस समय अकारण क्रोध और लोगों की मध्यस्थता करना नुकसान देगा।
 पारिवारिक सदस्यों से वाद-विवाद बढ़ेगा।
 उधार लेन-देन के मामलों में समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
 व्यापारि वर्ग को इस समय पूंजी निवेश करते समय सावधानी बरतनी होगी।
 साझेदारी के कार्यों में सावधानी बरतें।
 जीवनसाथी की उपेक्षा न करें।
कन्या राशि -
 कन्या राशि वालों के लिए यह योग लग्न और षष्ट भाव में हो रहा है।
 कन्या राशि वालों के लिए यह समय मनोनुकूल रहेगा।
 इस समय सामाजिक सुयश और लाभ की प्राप्ति होगी।
 मान-सम्मान और यश की वृद्घि होगी।
 सामाजिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी।
 सुख सौभाग्य और ऐश्वर्य का लाभ प्राप्त होगा।
 संतान संबंधी समस्याओं का निवारण होगा।
 धन कोश में वृद्घि होगी।
तुला राशि -
 तुला राशि वालों के लिए यह योग बारहवें और पंचम भाव में हो रहा है।
 यह समय इनके लिए अनुकूल नजर नहीं आ रहा है।
 व्यवसाय में अनावश्यक समस्याओं का सामना करन पड़ेगा।
 कोर्ट-कचेहरी के मामले उलझेंगे।
 परिवार के मांगलिक कार्यों में रुकावट आयेगी।
 पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
 भूमि, भवन, वाहन खरीदने व बेचने में विशेष सावधानी बरतनी होगी।
 यात्राओं में अनावश्यक समस्याओं का सामना करन पड़ेगा।
 अनावश्यक खर्चों से मन व्यथित रहेगा।
वृश्चिक राशि -
 वृश्चिक राशि वालों के लिए यह योग ग्यारहवें और चतुर्थ भाव में हो रहा है।
 वृश्चिक राशि वालों के लिए यह समय अनुकूल रहेगा।
 कारोबारी सबंधों में सुधार होगा।
 कारोबार में एक से अधिक लाभ के साधन उपलब्ध होंगे।
 मित्रों के सहयोग से धन लाभ होगा।
 परन्तु मन की अस्थिरता व चंचलता नुकसानदेह रहेगी।
 विरोधी ताक में हैं नुकसान पहुंचानें में।
 अनावश्यक पारिवारिक समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।
धनु राशि -
 धनु राशि वालों के लिए यह योग दशम और तृतीय भाव में हो रहा है।
 धनु राशि वालों के लिए यह समय अनुकूल व लाभदायक रहेगा।
 रुका हुआ धन प्राप्त होगा।
 कारोबार में आ रही समस्याओं का निवारण होगा।
 सरकारी समस्याओं से राहत मिलेगी।
 अनुकूल देश-विदेश की यात्राओं का योग।
 साझेदारी के कार्यों में लाभ।
 पारिवारिक सदस्यों का पूर्ण सहयोग भी प्राप्त होगा।
मकर राशि -
 मकर राशि वालों के लिए यह योग नवम और द्वितीय भाव में हो रहा है।
 मकर राशि वालों के लिए यह समय मिलाजुला रहेगा।
 जहां एक ओर व्यवसाय में मनोनुकूल सफलता मिलेगी।
 रुके हुए कार्य बनेंगे। कर्मचारियों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।
 स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा।
 वहीं परिजनों को लेकर अनावश्यक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
 पैतृक संपत्ति के मामले उलझेंगे।
 अनावश्यक खर्च बढ़ेगा।
कुंभ राशि -
 कुंभ राशि वालों के लिए यह योग नवम और लगन भाव में हो रहा है।
 कुंभ राशि वालों के लिए यह समय अनुकूल नहीं है।
 आपकी कार्यशैली आपके लिए नुकसान का कारण बनेंगी।
 अत्याधिक आत्मविश्वास से समस्याएं उत्पन्न होंगी।
 सरकार से नुकसान की प्रबल संभावना होगी।
 इन समस्याओं के बावजूद भी गुजारे लायक धन की प्राप्ति अवश्य होगी।
मीन राशि -
 मीन राशि वालों के लिए यह योग अष्टïम और द्वादश भाव में हो रहा है।
 मीन राशि वालों के लिए यह समय हर दृष्टिïकोण से शुभ व मंगलमय रहेगा।
 व्यवसायिक संबंध सुधरेंगे।
 कारोबार के एक से अधिक साधन उपलब्ध होंगे।
 संपूर्ण कारोबारी विघ्रों को निवारण होगा।
 थोड़े से प्रयत्नों से कार्य सफलता का योग।
 व्यवसाय में अनुकूल साझेदारी को योग व अनुकूल साझेदारी।
द्वादश राशियों के उपाय

ये उपाय बदल देंगे आपके जीवन की दशा और दृष्टिï दोनों ही

मेष राशि:-

1. हर रोज नियमित घी का दीपक जलाकर सुंदर कांड का पाठ करें।

2. श्रद्घानुसार साबुत मसूर जरूरतमंद और गरीब व्यक्ति को दान में दें।

वृषभ राशि:-

1. अपने घर में चौमुखा घी का दीपक जलाकर पांच पाठ शिव महिमन स्तोत्र का पाठ करें या सुनें।

2. अपने वजन के बराबर ज्वार गौशाला में दान दें।

मिथुन राशि:-

1. अपने घर में सुबह-शाम घी का दीपक जलाकर नारायण कवच का पांच पाठ स्वयं करें या सदाचारी ब्राह्मïण से सुनें।

2. गरीब कन्याओं को हरे वस्त्र व हरी चीजों का दान देना कल्याणकारी होगा।

कर्क राशि:-

1. हर रोज सुबह और शाम को भगवान शिव की आराधना करें। और पांच माला लघु मृत्युंजय मंत्र का जाप करें।

2. अपने वजन के बराबर दूध की खीर बनाकर हर सोमवार को गरीब कन्याओं को खिलाएं।

सिंह राशि:-

1. हर रोज सुबह और शाम घी का दीपक जलाकर आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।

2. गरीब और जरूरतमंद बच्चों को वस्त्रों का दान करें।

कन्या राशि:-

1. इस पूरे महीने घर में घी का दीपक जलाकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

2. गौशाला या किन्नर को साबुत हरे मूंग दान करना अच्छा रहेगा।

तुला राशि:-
1. घर में चौमुखा घी का दीपक जलाकर सुबह-शाम ऊं नमो भगवते वासुदेवाय: नम: की पांच माला जाप करें।

2. कुष्ठï रोगियों को श्रद्घानुसार चावल का दान दें।

वृश्चिक राशि:-

1. घर में चौमुखा चमेली के तेल का दीपक जलाकर श्रद्घानुसार इस मंत्र ऊँ हं पवननंदनाय स्वाहा मंत्र का जाप करें साथ ही एक पाठ संकटमोचन हनुमानष्टïक का जरूर करें।

2. हर मंगलवार को बूंदी के श्रद्घानुसार लड्डïू गरीब कन्याओं में बांटे एवं लाल वस्त्रों का दान दें।

धनु राशि:-

1. घर में चौमुखा घी का दीपक जलाकर सुबह-शाम विष्णु सहस्रनाम का पांच पाठ करें।

2. गाय को हल्दी में रंगे हुए पीले आलू खिलाना लाभकारी रहेगा।

मकर राशि:-

1. घर में सुबह-शाम सरसों के तेल का दीपक जलाकर दशरथकृत शनि स्तोत्र का सात बार पाठ करें।

2. मिट्टïी के बरतन में मशरुम भरकर चुपचाप मंदिर में रखकर आ जाए।

कुंभ राशि:-

1. हर रोज घर में सरसों के तेल का दीपक जलाकर सुबह-शाम शनि मृत्युंजय स्तोत्र एवं शनि कवच का एक-एक पाठ करें।

2. श्रद्घानुसार साबुत उड़द कुष्ठï रोगी या गौशाला में दान दें।

मीन राशि:-

1. घर में चौमुखा घी का दीपक जलाकर पुरुषुक्त या श्रीसूक्त का पाठ करें या सदाचारी ब्राह्मïण से सुनें।

2. चने की दाल या बेसन के लड्डू श्रद्घानुसार गाय को खिलाएं।


Saturday 5 February 2011

बसंत पंचमी पर करें विद्या की देवी सरस्वती को प्रसन्न


Shanicharananuagi Shree Shree 1008 Mahamadaleshwer Paramhans Daati Ji Maharaj

शीत ऋतु की समाप्ति पर आगमन होता है।
मनभावन बसंत ऋतु का।
उमंगों और उत्साह से भरपूर इस पर्व को वैदिक काल से ही मनाया जाता रहा है।
आधुनिक काल में भी भारत के विभिन्न भागों में यह पर्व विविध रूपों में मनाया जाता है।
माघ माह की शुक्ल पंचमी को यह पर्व मनाने की प्रथा है।
इस समय शीत ऋतु समाप्ति की ओर होती है और ग्रीष्म ऋतु के आगमन की तैयारियां प्रारंभ हो जाती है।
इन दोनों ऋतुओं के संधिकाल में प्रकृति का रूप-सौंदर्य निखर उठता है।
दिन बड़े तथा रातें छोटी होने लगती है।
बसंत पंचमी के दिन किसान लोग नये अन्न में गुड़ तथा घृत मिश्रित करके अगि् तथा पितृ-तर्पण करते हैं।
माता सरस्वती या शारदा देवी मन, बुद्धि और ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी हैं।
विद्या की देवी सरस्वती हंसवाहिनी, श्वेतवस्त्रा, चार भुजाधारी और वीणा-वादिनी हैं।
साधना कैसे करें?

प्रात:काल जल्दी उठ जायें, स्नान तथा दैनिक क्रिया से निवृत्त होकर पीले वस्त्र धारण करें।
अब घर के किसी स्वच्छ कमरे में अथवा पूजा स्थान में अपने परिवार के साथ बैठ जायें।
पूजा में सरस्वती जी का चित्र स्थापित करें या मूर्ति स्थापित करें।
अब एक थाली लें, थाली में अष्टगंध से सरस्वती यंत्र का अंकन करें।
अंकन हेतु चांदी की शलाका का उपयोग करें।
परिस्थितिवश आप तांबे की शलाका या तार भी उपयोग में ले सकते हैं।
अब थाली में बनाये गये सरस्वती यंत्र पर धारण करने वाला सरस्वती यंत्र थाली में रखें।
सभी यंत्रों पर अष्टगंध का तिलक करें और पीले पुष्प चढ़ायें।
अब सामने अगरबत्ती, धूप व दीपक जलायें।
दूध का बना प्रसार अर्पित करें, फिर 108 बाद सरस्वती मंत्र का जाप करें।
जितने लोगों के लिये प्रयोग हो रहा है सभी इस मंत्र का 108 बार जप करें।
सरस्वती मंत्र:- ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नम:।
अब सरस्वती चित्र, सरस्वती यंत्र अथवा मूर्ति की संक्षिप्त पूजा कर पीले पुष्प चढ़ायें।
बालकों को अष्टगंध से तिलक कर पीले पुष्पों की माला पहनायें।
अब सिद्ध सरस्वती यंत्रों को प्रत्येक के गले में धारण करवायें।
इसके बाद चांदी की शलाका (तांबे की भी हो सकती है) ये अष्टगंध द्वारा प्रत्येक साधक, बालक, बालिका आदि की जीभ पर सरस्वती बीज मंत्र 'ऐं' लिख दें और फिर अपनी स्वयं की जीभ पर भी इस बीज को अंकित कर दें।
प्रत्येक बार लिखने से पूर्व शलाका को स्वच्छ जल से अवश्य धो लें।
ये बारह मंत्र बदल देंगे आपके बच्चे का भविष्य

मेष राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 गुलाब के पुष्प अर्पित करें। 108 बार ॐ ऐं नम:। इस मंत्र का जाप करें। शिक्षा में सफलता मिलेगी इसके साथ ही 11 बार गायत्री मंत्र का जाप अवश्यक करें।
वृष राशि
बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 श्वेत सुगंधित पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सरस्वत्यै नम: इस मंत्र का जाप करें। साथ ही 7 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप अवश्य करें।
मिथुन राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 हरे पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ऐं ह्र्रीं श्रीं क्लीं सरस्वत्यै बुधजनन्यै स्वाहा। इस मंत्र का जाप करें।
7 बार या देवि सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ मंत्र का जाप अवश्य करें।
कर्क राशि

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 श्वेत पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ विद्ये विद्यामालिनी चन्द्रिणि चारूमुखि स्वाहा। इस मंत्र का जाप करें।
7 बार ॐ स्वौं सोमाय नम:। मंत्र का जाप अवश्य करें।
सिंह राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 गुलाब के पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ एें नम: भगवती वद-वद वाग्देवी स्वाहा। इस मंत्र का जाप करें।
7 बार राहु गायत्री ॐ शिरोरूपय विद्मह अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहु: प्रचोदयात का जाप अवश्य करें।
कन्या राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 पीले कनेर के पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ऐं ह्र्रीं श्रीं क्लीं सरस्वत्यै बुधजनन्यै स्वाहा। इस मंत्र का जाप करें।
7 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप अवश्य करें।
तुला राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 मोगरे के पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सरस्वत्यै नम: इस मंत्र का जाप करें। साथ ही 7 बार गायत्री मंत्र का जाप अवश्य करें।
वृश्चिक राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 लाल गुड़हल के पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सरस्वत्यै नम: इस मंत्र का जाप करें।
7 बार मंगल गायत्री ॐ अंगारकाय विद्महे शक्ति हस्ताय धीमहि तन्नो भौम: प्रचोदयात का जाप अवश्य करें।
धनु राशि

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 पीले पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ह्रीं ऐं सरस्वत्यै नम:। इस मंत्र का जाप करें। साथ ही 7 बार राहु गायत्री ॐ शिरोरूपय विद्मह अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहु: प्रचोदयात का जाप अवश्य करें।
मकर राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 नीले पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार श्रीं श्रीं अहं बद बद वाग्वादिनी भगवती सरस्वत्यै नम: इस मंत्र का जाप करें।
7 बार एकदन्तो महाबुद्धिये, सर्वज्ञो गणनायक:। सर्वसिद्धि करो देवा गौरीपुत्र विनायक:॥ मंत्र का जाप अवश्य करें।
कुंभ राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 नीले पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सरस्वत्यै नम: इस मंत्र का जाप करें। साथ ही 7 बार ॐ नमो गणेशाय ॐ वक्रतुण्डाय महाकाय। सूर्यकोटि समप्रभ: निर्विघ्ं कुरूमे देवा, सर्वकार्येषु सर्वदा॥ मंत्र का जाप अवश्य करें।
मीन राशि -

बसंत पंचमी के दिन अपने घर में मां शारदा के श्री विग्रह के आगे घी का दीपक जलाकर 108 पीले पुष्प अर्पित करें। घर में घी का दीपक जलाकर 108 बार ॐ ह्रीं ऐं सरस्वत्यै नम:। इस मंत्र का जाप करें। साथ ही 7 बार राहु गायत्री ॐ शिरोरूपय विद्मह अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहु: प्रचोदयात का जाप अवश्य करें।
ये रुद्राक्ष बदल देंगे आपके बच्चे का भाग्य

मेष राशि -

मेष राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 2 दाने 4 मुखी, 1 दाना 12 मुखी और 2 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
वृष राशि
वृष राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 3 दाने 4 मुखी, 1 दाना 9 मुखी और 3 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
मिथुन राशि -

मिथुन राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 2 दाने 4 मुखी, 1 दाना 11 मुखी और 2 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
कर्क राशि

कर्क राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 2 दाने 4 मुखी, 1 दाना 3 मुखी और 2 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
सिंह राशि -

सिंह राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 3 दाने 4 मुखी, 1 दाना 12 मुखी और 3 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
कन्या राशि

कन्या राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 2 दाने 4 मुखी, 1 दाना 7 मुखी और 2 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
तुला राशि -

तुला राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 3 दाने 4 मुखी, 1 दाना 9 मुखी और 3 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
वृश्चिक राशि -

वृश्चिक राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 2 दाने 4 मुखी, 1 दाना 5 मुखी और 2 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
धनु राशि

धनु राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 3 दाने 4 मुखी, 1 दाना 3 मुखी और 3 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
मकर राशि -

मकर राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 2 दाने 4 मुखी, 1 दाना 10 मुखी और 2 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
कुंभ राशि -

कुंभ राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 3 दाने 4 मुखी, 1 दाना 13 मुखी और 3 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
मीन राशि

मीन राशि वाले विद्यार्थी अपने गले में 2 दाने 4 मुखी, 1 दाना 2 मुखी और 2 दानें 6 मुखी लाल धागे में धारण करें।
नुसखे भी करेंगे आपको सहयोग

पांच ग्राम खरबूजे के बीज को छील कर पिसी हुई शक्कर और दूध मिलाकर बच्चों को नियमित रूप से सेवन करायें। बच्चों की स्मरण शक्ति बढ़ती है।
सौ ग्राम शंखपुष्पी को एकलीटर पानी में डालकर उबाल लें। जब पानी आधा रह जाये तो चूल्हें से उतार कर उसमें दो ग्राम जीरा चूर्ण डालकर एक गिलास गाय के दूध के साथ बच्चों को सेवन कराने से उनकी स्मरण शक्ति बढ़ती है।
ब्राह्मी बूटी और तुलसी का पत्ता साथ-साथ देने से बच्चों की स्मरण-शक्ति बढ़ती है।
सुबह-सुबह नित्य एक सेब खिलाने से भी बच्चों की स्मरण शक्ति बढ़ जाती है।
सुबह आठ-दस तुलसी के पत्ते खिलाकर पानी पिला देने से भी स्मरण-शक्ति का विकास होता है।
दो तोले ब्राह्मी के पत्तों को एक गिलास गाय के दूध में एक लीटर जल मिलाकर पतीले में मध्यम आग पर पकाएं। जब जल मात्र एक गिलास बच जाय तो आंच से उतार ले और इसमें थोड़ी सी मिसरी मिलाकर हल्का गरम ही बच्चे को पिला दें। इससे स्मरण-शक्ति बढ़ती है और उसके बल-बुध्दि का भी विकास होता है।

आपका नाम अक्षरों से देखें अपना राशिफल 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए

  आपका नाम अक्षरों से देखें अपना राशिफल 2023 शुरू होने से पहले यह पूरी विडियो देखनी चाहिए आपका नाम इन चू , चे , चो ,  ला , ली , लू , ले , लो...